जीएसटी ने छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ दी


Income tax department notice to businessmen showing loss in earnings

 

जीएसटी ने असंगठित क्षेत्र के कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. वहीं दूसरी तरफ बड़े कारोबारी इससे काफी फायदे में हैं.

जीएसटी ने असंगठित क्षेत्र के कारोबारियों को बाज़ार में प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया है.

इस बात की पुष्टि टीटीके प्रेस्टिज कंपनी के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन कर रहे हैं. टीटीके प्रेस्टिज कंपनी को इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 28 फ़ीसदी का शुद्ध मुनाफा हुआ है.

टीटीके प्रेस्टिज, प्रेशर कूकर और गैस चुल्हा बनाने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक है.

कंपनी के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन ने द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भला हो जीएसटी का. इसकी वजह से बाज़ार में असंगठित क्षेत्रों की ओर से हमें मिलने वाली चुनौती कम हो रही है. हॉकिंस, बटरफ्लाई और यूनाइटेड जैसी सिर्फ तीन या चार ही संगठित क्षेत्र की कंपनियां हैं. बाकी सभी असंगठित क्षेत्र की कंपनियां हैं.

इसके अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ भी इन बड़ी कंपनियों को मिल रहा है.

  • टीटीके प्रेस्टिज कंपनी के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन
  • Courtesy: The Hindu

टीटी जगन्नाथन ने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि उज्जवला और ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर शुरू की गई योजनाओं का लाभ हमें मिल रहा है. हमने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कारोबार में 300 फ़ीसदी का इजाफा किया है. उज्जवला योजना का बहुत असर पड़ा है. अगर आपके पास गैस सिलेंडर है तो आपको चुल्हा रखना होगा, नहीं तो आप गैस बर्बाद करेंगे. हम इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं.

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि उज्जवला योजना के साथ कुछ समस्याएं भी हैं लेकिन यह समस्याएं भी उन जैसी कंपनियों के लिए फायदेमंद है.

उन्होंने कहा कि उज्जवला के अंतर्गत गैस कनेक्शन लेने वाले लाभार्थी दोबारा से गैस भरवाने नहीं जाते. कंपनियां यह सुविधा उपलब्ध नहीं कराती. यह स्थिति हमारे लिए बेहतर है. अब केंद्र सरकार इंडक्शन कूकर देने जा रही है क्योंकि वो गांवों का विद्युतीकरण जा रहे हैं. अब मैं सरकार से इंडक्शन कूकर बेच सकता हूँ और फिर लाभार्थियों से प्रेशर कूकर.

टीटीके प्रेस्टिज कंपनी के ये दावे और उपलब्धियां मोदी सरकार के उन दावों के उल्ट है जिसमें जीएसटी को बाज़ार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाला कदम बताया गया है.


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