रिजर्व बैंक ने ब्याज दर 6.5 फ़ीसदी पर बरकरार रखा


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ब्याज दरों में परिवर्तन को लेकर चल रही खींचतान के बीच रिजर्व बैंक(आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति जारी कर दी है. इस मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली समिति ने रेपो रेट को 6.5 फ़ीसदी पर बरकरार रखा. यह फैसला लगातार तीन दिनों तक चली बैठक के बाद लिया गया है.

आरबीआई ने यह फैसला कच्चे तेल की कीमतों में कमी और उम्मीद से कम महंगाई दर के चलते लिया है. इस दौरान रिवर्स रेपो रेट को 6.25 फ़ीसदी पर स्थिर रखा गया है. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक अन्य बैंको को लोन देता है.
यह लगातार दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों के साथ किसी प्रकार की छेड़ाछाड़ नहीं की है.

अगर आम आदमी के हित को ध्यान में रखते हुए देखें तो आरबीआई के इस फैसले से होम लोन, कार लोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसका मतलब यह है कि आप जो ईएमआई पहले भर रहे थे वही अब भी भरनी होगी.

इस मौद्रिक समीक्षा में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को भी 7.4 फ़ीसदी पर स्थिर रखा है. समिति ने मंहगाई दर का लक्ष्य 2.7 फ़ीसदी रखा है.

उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति की यह पांचवी मौद्रिक समीक्षा थी. इस तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 7.1 फ़ीसदी रही. हालांकि बीते साल की इसी तिमाही के मुकाबले यह बेहतर है. इस दौरान उपभोक्ता खपत दर स्थिर रही, लेकिन कृषि वृद्धि दर में उल्लेखनीय सुस्ती देखी गई.


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