ट्रंप की घोषणा के बाद सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू
सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है. व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सीरिया में अमेरिकी सेना आईएसआईस से लड़ने के लिए गई थी, ना कि गृह युद्ध खत्म करने.
व्हाइट हाउस की ओर से ये बयान ट्रंप के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने इस्लामिक स्टेट ग्रुप को हरा देने की बात कही थी. इससे पहले व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने घोषणा की थी कि अमेरिका ने सीरिया से अपने सैनिक वापस बुलाने शुरू कर दिए हैं.
ट्रंप प्रशासन के इस कदम ने सबको चौंका दिया था.अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इसे अचानक लिया गया फैसला बताया है.
एक सीनियर अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने नाम ना बताए जाने की शर्त पर कहा, “हमारा वहां जाने का एकमात्र मकसद आईएसआईएस का खात्मा करना था.”
हालांकि सैनिकों को वापस बुलाने की समय सीमा पर प्रशासन ने खुद कोई फैसला नहीं किया है. यह पूरी तरह से पेंटागन पर छोड़ दिया गया है. जबकि पेंटागन ने फिलहाल इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
उधर रिपब्लिकन सांसद मार्को रूबियो ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीरिया में सिर्फ आईएसआईएस एकमात्र खतरा नहीं है, वहां सैनकों का महत्व इससे कहीं ज्यादा है.
एक और सांसद जीन शाहीन ने भी ट्रंप के बयान को बचकाना और खतरनाक बताया है.
इस समय सीरिया में करीब दो हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां कुर्दिश सेनाएं अकेले दम पर आईएसआईएस से लोहा लेंगी. फिलहाल अमेरिकी सैनिक कुर्दिश लड़ाकों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं और उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.
इस अमेरिकी कदम के बाद सीरिया में असद के खेमें की ताकत में इजाफा होगा. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को रूस और ईरान का समर्थन मिला हुआ है.