भारतीय हॉकी टीम के कोच हरेंदर सिंह को हटाया गया


India's Hockey Team Coach suspended

 

भारतीय हॉकी टीम के कोच हरेंदर सिंह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है. हरेंदर को साल 2018 में टीम के खराब प्रदर्शन के कारण हटाया गया. लेकिन राष्ट्रीय महासंघ ने उनके सामने जूनियर टीम की जिम्मेदारी संभालने की पेशकश की है.

भारतीय हॉकी कोच पद में जल्द बदलाव करने की परंपरा है. अब इस कड़ी में हरेंदर का नाम भी जुड़ गया है. हरेंदर को पिछले साल मई में ही भारतीय हॉकी टीम के कोच पद कार्यभार संभाला था. उन्हें अभी कोच पद संभाले एक साल भी नहीं हुआ था और उनको इनके पद से बर्खास्त कर दिया गया.

हॉकी इंडिया ने हरेंदर को बर्खास्त करने के कारणों के बारे में बयान में कहा, वर्ष 2018 भारतीय हॉकी के लिए निराशाजनक रहा और परिणाम भी उम्मीद से परे रहे. हॉकी इंडिया का ये भी मानना है कि जूनियर कार्यक्रम पर ध्यान देने से लम्बी अवधि में फायदा होगा.

पिछले साल इंडोनेशिया में हुए एशियाई खेलो में भी भारतीय हॉकी टीम का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा और टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. हाल ही में खत्म हुए भुवनेश्वर विश्व कप में भी टीम इंडिया क्वाटर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई.

हरेंदर को सीनियर के बजाय जूनियर टीम की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला हॉकी इंडिया की एक उच्चस्तरीय समिति ने किया ताकि 2021 जूनियर विश्व कप व 2020 और 2024 ओलंपिक के लिए मजबूत आधार तैयार किया जा सके.

हरेंदर के कोच रहते जूनियर हॉकी टीम ने जूनियर टीम का खिताब जीता. बाद में उन्हें महिला हॉकी टीम का कोच बना दिया गया. लेकिन एशियाई खेलो से पहले भारतीय पुरुष टीम का कोच बना दिया गया.

अब हॉकी इंडिया जल्द ही नए कोच पद की नियुक्ति के लिए आवेदन देगी क्योंकि भारतीय हॉकी टीम मार्च में होने वाले सुलतान अजलन शाह हॉकी टूर्नामेंट कप के लिए फरवरी में अभ्यास सत्र में हिस्सा लेगी.

पूर्व भारतीय कप्तान जफर इकबाल ने हाकी इंडिया के इस कदम की आलोचना की.

उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘हाकी इंडिया का यह रवैया पूरी तरह से गैर पेशेवराना है. ओलंपिक में अब दो साल का समय बचा है और कोच बदलने का चलन देखते हुए फैसला हैरानी भरा नहीं है. ऐसे में आप टीम से जीत की उम्मीद नहीं कर सकते.यहां तक कि जर्मनी भी सेमीफाइनल में हार गया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी टीम खराब है.’


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