ICICI बैंक ने पूर्व सीईओ चंदा कोचर को किया बर्खास्त
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर को वीडियोकॉन लोन मामले की शुरुआती जांच में नियमों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद बैंक ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. बैंक ने कोचर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.
आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया है कि चंदा कोचर के बैंक से अलग होने को ‘टर्मिनेशन ऑफ कॉज’ माना जाएगा. जिसका मतलब है किसी वजह से नौकरी से निकाला जाना. इसके अलावा बैंक ने कोचर को मिलने वाले सभी सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान पर रोक लगा दी है. साथ ही बैंक ने कोचर को साल 2009 से मिल रहे बोनस को भी वापस लेने का फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में कमिटी का गठन किया गया था. मामले की स्वतंत्र जांच के लिए गठित कमिटी ने अपनी जांच में पाया है कि चंदा कोचर ने निर्धारित आचार संहिता का उल्लंघन किया है. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट ने कहा है कि कोचर ने बैंक को दी जाने वाली सालाना घोषनाएं बताने में ईमानदारी नहीं बरती है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन घोषणाओं में ईमानदारी बरतना भारतीय कानून के तहत अहम है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि उन्होंने बैंक की पॉलिसी और कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया है.
यह मामला 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक- वीडियोकॉन कर्ज में अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है. जहां, आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था. लोन देने की प्रक्रिया में चंदा कोचर पर हितों के टकराव का मामला सामने आया था. सीबीआई इस मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है.