किलो के बाट में बदलाव नहीं, बदलेगी परिभाषा
अंतरराष्ट्रीय मापन प्रणाली को बदलने पर 50 से अधिक देशों ने सहमति जताई है. इसके बाद वजन मापने की इकाई किलोग्राम और मापन की दूसरी इकाईयों की नयी परिभाषाएं तय होने का रास्ता साफ हो गया है. इससे विभिन्न देशों के मध्य व्यापार और अन्य मानवीय कामों पर प्रभाव पड़ेगा. हालांकि नए बदलाव से आम-जनजीवन में खास असर नहीं होगा. बाजारों में किलो के बाट में कोई बदलाव नहीं होगा.
वर्साय में वैज्ञानिकों ने यह फैसला लिया है. इस कदम को मानवता के मापन और गुणन के विश्व में क्रांति के रूप में देखा जा रहा है.
इसके साथ ही विद्युत मापन की इकाई ऐम्पियर, ताप मापने की इकाई कैल्विन और पदार्थ की मात्रा माप मोल की नई परिभाषाओं को भी मान्यता मिल गई है.
बीते एक सदी से अधिक समय से फ्रांस में कड़ी सुरक्षा में रखे प्लेटिनम-इरीडियम मिश्र धातु के बने एक सिलेंडर के द्रव्यमान को किलोग्राम की परिभाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इसे ‘ली ग्रांड के’ के नाम से भी जाना जाता है. साल 1889 से विश्व का एकमात्र वास्तविक किलोग्राम माना जाता रहा है.
मतदान के बाद किलोग्राम और अन्य मुख्य मानक इकाईयों को दोबारा परिभाषित किया जायेगा.