सेवानिवृत जस्टिस मदन लोकुर फिजी के सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज जस्टिस मदन लोकुर फिजी के सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए है. उन्हें बतौर अनिवासी पैनल तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है.
अपनी नियुक्ति की जानकारी देते हुए जस्टिस लोकुर ने कहा, “मुझे फिजी के मुख्य न्यायधीश ने फिजी के सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा बनने के लिए न्योता दिया था, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया है.”
जस्टिस लोकुर को नियुक्ति पत्र 31 दिसंबर 2018 को मिला था. फिजी के सुप्रीम कोर्ट में एक साल में तीन सत्र होते हैं. जस्टिस लोकुर 15 अगस्त से लेकर 30 अगस्त 2019 के अगस्त सत्र में शामिल होंगे.
बीते कई वर्षों में भारत से पहले जिन देशों को फिजी ने न्योता भेजा है, उनमें सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका शामिल हैं.
बार एंड बेंच से बात करते हुए जस्टिस लोकुर ने कहा कि वे इस कार्य के लिए तत्पर हैं और उम्मीद करते हैं कि वह फिजी की न्यायिक प्रक्रिया और न्याय वितरण प्रणाली में योगदान कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, “मैं दूसरे देशों के जजों के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं. इनमें से कई को मैं सालों से निजी तौर पर जानता हूं. यह अनुभवों को बांटने का बेहतरीन मौका है.”
जस्टिस मदन लोकुर 31 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के जज के पद से सेवानिवृत हुए थे. उनका कार्यकाल छह वर्षों का था. सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उनकी नियुक्ति 4 जून 2012 को हुई थी.
जस्टिस लोकुर जुलाई 1977 में दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बतौर एडवोकेट दाखिल हुए थे. 1981 में सुप्रीम कोर्ट में वे एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने थे. 1997 में वे वरिष्ठ एडवोकेट बनाए गए.
1998 में उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद संभाला. और 1999 में दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज बनने तक पद पर बने रहे.
1999 में वे स्थाई जज बनाए गए. इसके बाद वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने, फिर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने.