पुलवामा हमले के बाद से विदेशी निवेशक सहमें
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पुलवामा में हुए आतंकी हमले और इसके बाद सीमा पर तनाव का निवेशकों पर बुरा असर पड़ा है. इस घटना के बाद से अब तक विदेशी निवेशकों ने ऋण पत्रों (डिबेंचर) से 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस महीने की 22 तारीख तक एफपीआई यानी पोर्टफोलियो निवेशकों ने दो हजार करोड़ से अधिक की खरीददारी की, लेकिन ऋण पत्रों में निवेश के बजाए निकासी का लंबा दौर चला. इस बीच करीब 1,900 करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए गए.
मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की हालिया बिकवाली का कारण पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने को माना जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘एफपीआई लंबे समय से भारत को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं. ऐसे में हालिया घटनाओं से उनकी धारणा और प्रभावित हुई होगी.’’
श्रीवास्तव ने कहा कि अभी एफपीआई निवेश की दिशा का अनुमान लगाना जल्दीबाजी है, क्योंकि वे अल्पकालिक गतिविधियों तथा घटना विशेष से प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीमापार तनाव के अलावा आगामी आम चुनाव के परिणामों के अनुमान को लेकर भी एफपीआई सतर्कता बरत रहे हैं.