संकट के बीच 260 जेट पायलटों ने स्पाइस जेट के लिए दिए आवेदन


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इंडिगो के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन्स जेट एयरवेज आज बंद होने की कगार पर खड़ी है. एयरलाइन्स की लगातार बिगड़ती हालत के बाद कंपनी के नियमित पायलट अब दूसरी एयरलाइन्स में नौकरी के संभावनाएं तलाशने को मजबूर हो गए हैं.

साल 1993 में शुरू हुई जेट एयरवेज पर मंडरा रहे संकट की वजह से इंजीनियर समेत वरिष्ठ प्रबंधन को पिछले तीन महीनों से सैलरी नहीं मिली है. इस बीच जेट पायलटों को जहां इंडिगो की ओर से नौकरी की पेशकश की गई है, वहीं स्पाइस जेट ने भी उनके लिए नौकरी की संभावनाएं खोल रखी हैं.

स्पाइस जेट के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि जेट एयरवेज के करीब 150 कैप्टन समेत 260 जेट पायलट मुंबई में स्पाइस जेट के इंटरव्यू में शामिल हुए.

स्पाइस जेट ने कुछ दिन पहले अलग-अलग पदों पर वॉक-इन-इंटरव्यू रखे, ऐसे में माना जा रहा है कि स्पाइस जेट अपनी सेवाओं में जल्द ही विस्तार कर सकता है.

वहीं दूसरी ओर भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन्स इंडिगो जेट पायलटों को बोनस के साथ समान सैलरी और पद पर नौकरी की पेशकश कर रहा है. इसमें पदानुसार पायलटों को मिलने वाले तमाम लाभ भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, खबरें है कि इंडिगो ने जेट पायलटों को अपने ऑपरेशन बेस चुनने की भी छूट दी है.

लेकिन इंडिगो के इस फैसले पर अब उसी के पायलटों द्वारा अख्तियार किया गया बागी तेवर कंपनी की मुश्किलें बढ़ा रहा है.

कंपनी के इस कदम से इंडिगो के पायलट खासे नाराज देखे जा सकते हैं. उनका कहना है कि इंडिगो का कदम गलत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. जबकि इंडिगो का कहना है कि पायलटों को की गई नौकरी की पेशकश कंपनी के नियमों के अनुसार ही है.

इंडिगों के सूत्रों के मुताबिक पायलटों का कहना है कि “कंपनी हमें गंभीरता से नहीं ले रही हैं. जेट के पायलट को उसी पद और सैलरी के साथ दो महीने का बोनस दिया जाना गलत है”.

साथ ही बीते कुछ समय से खबरें आ रही हैं कि इंडिगो चालक दल की भारी कमी का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से पिछले महीने कंपनी की कई उड़ानें रद्द हुई.

इंडिगो के मुख्य संचालन अधिकारी वोल्फगैंग प्रोक शाउर और प्रवक्ता से इस बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जबकि प्रबंधन इस पर पहले ही कह चुका है कि जेट पायलट को दिया जाने वाला बोनस बीते कुछ महीनों से नहीं मिली रही सैलरी के मुआवजे के तौर पर दिया जा रहा है.

बीते कुछ महीनों में कंपनी की ओर से किसी तरह की कोई सूचना नहीं मिलने के बाद जेट एयरवेज के पायलटों ने 19 मार्च को कंपनी को अंतिम चेतावनी दी. पायलटों के समूह ने कंपनी से कहा, “अगले महीने 1 अप्रैल तक कंपनी सैलरी और विमानों का संचालन फिर से शुरू करने की योजना (रिवाइवल योजना) के संबंध में हमें साफ जानकारी दे”. साथ ही पायलटों ने कंपनी से 31 मार्च तक की सैलरी वापस करने के लिए एक साफ डेडलाइन जारी करने को कहा है.


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