लगातार दो साल से कम नहीं हो रही बैंको की ऋण वृद्धि


Public sector banks poor performance

 

वित्त वर्ष 2018-19 की समाप्ति पर बैंकों की ऋण वृद्धि लगातार दूसरे साल दहाई अंक में रही. वित्त वर्ष 2016-17 में यह पांच प्रतिशत से कम रही थी जो कि पिछले पांच दशकों में सबसे कम वृद्धि थी.

भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार बैंकों का ऋण 29 मार्च को समाप्त पखवाड़े में 13.24 प्रतिशत बढ़कर 97.67 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं इस दौरान जमा राशि 10.03 प्रतिशत बढ़कर 125.72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई.

यह लगातार दूसरा वित्त वर्ष रहा है जबकि वित्त वर्ष की समाप्ति पर बैंकों की ऋण वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक रही है. इससे पहले वित्त वर्ष 2016-17 में यह 4.54 प्रतिशत रही थी. उस समय ऋण वितरण 78.41 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा था.

एक साल पहले इसी पखवाड़े में जमा 114.26 लाख करोड़ रुपये और ऋण 86.25 लाख करोड़ रुपये रहा था.

दो साल पहले यानी वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकिंग प्रणाली में कुल जमा राशि मात्र 6.7 प्रतिशत बढ़ी थी जबकि ऋण वृद्धि मात्र 4.54 प्रतिशत रही थी. यह बैंकों में कर्ज एवं जमा राशि वृद्धि का वित्त वर्ष 1962-63 के बाद सबसे निचला स्तर था.


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