रिकॉर्ड राजस्व जुटाने के बावजूद बिकने को तैयार बीएसएनएल


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सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने उपक्रमों के साथ कारोबार में 6,500 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व जुटाने का दावा किया है. 

कंपनी ने 7,000 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने के साथ देशभर में 4जी स्पेक्ट्रम की मांग की है. कंपनी को यह पूरा स्पेक्ट्रम 14,000 करोड़ रुपये का पड़ेगा.

बीएसएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने कहा, “हमने उपक्रमों के खंड में 2018- 19 के दौरान 6,500 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है. बीएसएनएल द्वारा यह अब तक का सर्वाधिक राजस्व जुटाया गया है. कुल 91 उद्यमों ने भुगतान किया है. औसतन 50- 60 उद्यमों से ही सालाना संग्रह होता रहा है.”

बीएसएनएल ने अपनी परिसम्पत्तियों को बेचने की ओर इशारा किया है. हाल ही में खबर आई थी कि बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को वेतन नही दे पा रही है. 

बीएसएनएल के अध्यक्ष ने कहा, “हम तो सोने की खान पर बैठे हैं. लोक उपक्रम विभाग ने यह घोषणा की है कि बीएसएनएल की नेटवर्थ 83,000 करोड़ रुपये है जो कि बहुत बड़ी राशि है. यदि हम परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करना शुरू कर दें तो हम अपने ज्यादातर मुद्दों को खुद ही सुलझा लेंगे.”

उन्होंने कहा कि नुकसान वाली दूरसंचार कंपनी होने के बावजूद बीएसएनएल पर दूरसंचार कंपनियों में सबसे कम 14,000 करोड़ रुपये का ही कर्ज है. कंपनी 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नहीं होने के बावजूद कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले दूरसंचार बाजार में काम कर रही है.


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