खर्च नहीं हो रहा सीएसआर का पैसा


CSR is not being spent

 

पिछले वित्त वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की कंपनियों की तरफ से सामाजिक दायित्व कोष (सीएसआर) के तहत रखी गई 1,717 करोड़ रुपये की राशि बिना खर्च के पड़ी रह गई. एक साल पहले के मुकाबले यह राशि नौ प्रतिशत अधिक है. इस बीच कंपनियों के सीएसआर खर्च में 11 प्रतिशत बढ़कर 10,030 करोड़ रुपए हो गई है.

प्राइम डाटा बेस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कंपनियों के लिये अनिवार्य कंपनी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत बिना खर्च के पड़ी राशि बढ़कर 1,717 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एक साल पहले यह 1,574 करोड़ रुपये थी.

हालांकि एजेंसी ने इसके पीछे कोई खास वजह नहीं बताई. माना जा रहा है कि इसकी वजह तीसरे पक्ष की एजेंसी की तरफ से धन की मांग नहीं होना हो सकता है अथवा यह इन कंपनियों के मुनाफे में हुई वृद्धि की वजह से अतिरिक्त राशि है जो उपलब्ध हुई।

नये कंपनी अधिनियम 2013 के मुताबिक सालाना 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली और कम से कम 100 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि दो प्रतिशत मुनाफा सामाजिक दायित्व के कार्यों में खर्च करे.

एनएसई में सूचीबद्ध 1,708 कंपनियों में से केवल आधी कंपनियों में ही सीएसआर समितियां हैं. जबकि कंपनी कानून में इसके लिये प्रावधान है. हालांकि दो प्रतिशत अनिवार्य सीएसआर के दायरे में आने वाले 1,080 कंपनियों का सीएसआर खर्च 2017- 18 में 11 प्रतिशत बढ़कर 10,030 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले यह खर्च 9,060 करोड़ रुपये था.

अनिवार्य सीएसआर खर्च प्रावधान लागू होने के बाद पिछले चार साल के दौरान एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के खर्च में सालाना 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.


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