बैंकों में धोखाधड़ी के मामले बढ़े, 2018-19 में 72 हजार करोड़ की धोखाधड़ी


fraud related incidents increased in banks

 

बैंकों में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये की कुल धोखाधड़ी हुई जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41,167 करोड़ रुपये था. इस मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आगे हैं.

बैंक ने आलोच्य अवधि में 6,801 धोखाधड़ी वाले मामलों की जानकारी दी जो 2017-18 में 5,916 था.

रिजर्व बैंक की ‘बैंकों में प्रवृत्ति और प्रगति-2018-19’ रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामले में अधिक रहे. धोखाधड़ी के कुल मामलों में 55.4 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़े थे. वहीं राशि के मामले में यह 90.2 प्रतिशत है. यह सरकारी बैंकों में परिचालन जोखिमों से निपटने में आंतरिक प्रक्रियाओं, लोगों और प्रणाली में खामियों को बताता है.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में धोखाधड़ी का समय पर पता लगाना, उसकी सूचना देना तथा जांच को लेकर रूपरेखा जारी किया था.

इसके तहत बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के गैर-निष्पादित खातों में धोखाधड़ी की आशंकाओं का आंकलन करने की आवश्यकता है ताकि धोखाधड़ी वाले लेन-देन का खुलासा समय पर हो सके.

रिपोर्ट के अनुसार संभवत: इसी कारण 2018-19 में धोखाधड़ी के ज्यादा मामले सामने आए.

वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों की धोखाधड़ी में कुल धोखाधड़ी में हिस्सेदारी क्रमश: 30.7 प्रतिशत ओर 11.2 प्रतिशत रही. राशि में इन बैंकों की हिस्सेदारी क्रमश: 7.7 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत रही.


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