ADB और RBI के बाद IMF ने भी घटाई भारत की अनुमानित विकास दर
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और केंद्रीय रिजर्व बैंक के बाद अब विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी साल 2019-20 के लिए भारत की अनुमानित जीडीपी विकास दर में कटौती की है.
आईएमएफ की ओर से जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि “साल 2019 में भारत की जीडीपी विकास दर 7.3 फीसदी रह सकती है, वहीं खपत में बढ़ोतरी, विस्तारवादी मौद्रिक नीतियों और राजकोषीय नीतियों के प्रभाव से 2020 में विकास दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है.”
जनवरी में जारी की गई पिछली रिपोर्ट की तुलना में आईएमएफ ने अनुमानित जीडीपी विकास दर में 20 आधार अंकों की कटौती हुई है. आईएमएफ ने विकास दर के अनुमान में ये कटौती साल 2019-20 और 2020-21 दोनों वित्तीय वर्षों के लिए की है.
इससे पहले आरबीआई और एडीबी ने वैश्विक आर्थिक विकास में बढ़ते जोखिम और कमजोर घरेलू निवेश को जिम्मेदार ठहराते हुए साल 2019-2020 के लिए विकास दर 7.4 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
बीते दिसंबर की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.6 फीसदी की दर से वृ्द्धि की. ये वृद्धि दर बीती पांच तिमाहियों में सबसे कम है.
बीते हफ्ते मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की गति धीमी रहने की संभावना की बीच आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 आधार अंकों की कटौती की थी. आरबीआई ने की ओर से ये कटौती लगातार दो मौद्रिक समीक्षाओं में की गई है.
आरबीआई ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट (साधारण बोलचाल में ब्याज दर) 6.25 से घटाकर 6 फीसदी कर दी है. ब्याज दरों में कटौती के पीछे अर्थव्यवस्था को गति देने की बात कही गई है.
इससे पहले बीती फरवरी में अर्थव्यवस्था के आठ कोर सेक्टर में 2.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. कच्चे तेल और रेफाइनरी उत्पादों की कीमतों में बढ़त के चलते ये गिरावट दर्ज की गई थी.
इसके अलावा सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियों ने मार्च 2019 की तिमाही में करीब 1.99 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट की घोषणा की. जो कि बीते साल की इसी तिमाही से करीब 46 फीसदी कम थीं.
अब जबकि देश आम चुनाव से होकर गुजर रहा है और 23 मई को नई सरकार बन जाएगी. ऐसे में नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती होगी. आईएमएफ के मुताबिक ढांचागत और वित्तीय सुधार के साथ सार्वजनिक ऋण को कम करके विकास को पटरी पर लाया जा सकता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के साथ ही आईएमएफ ने वैश्विक विकास दर के अनुमान को भी पहले से कम किया है. वैश्विक विकास की अनुमानित दर में भी 20 आधार अंकों की कमी की गई है. आईएमएफ ने 2019-20 के लिए वैश्विक विकास दर 3.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. ये विकास दर बीते आठ सालों में सबसे कम है.