भारतीय राइफल संघ ने राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार का समर्थन किया


indian rifle federation support boycott of commonwealth games

 

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने कहा कि वह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार करने के प्रस्ताव का समर्थन करता है, जिसने निशानेबाजी स्पर्धा को अपने यहां होने वाले खेलों से बाहर कर दिया है.

वहीं राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने कहा कि वे चाहते हैं कि भारत 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले.

असल में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटाने पर इन खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है, जिसके बाद एनआरएआई और सीजीएफ ने यह प्रतिक्रिया दी.

एनआरएआई सचिव राजीव भाटिया ने कहा कि जहां तक राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार करने का संबंध है तो वे भी आईओए के साथ हैं.

भाटिया ने कहा, ‘‘हम आईओए के साथ हैं. निश्चित रूप से हम उनके खेलों के बहिष्कार करने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. हम आईओए का हिस्सा हैं, हम उसके एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) में से एक हैं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘आईओए अध्यक्ष ने अच्छा काम किया है और आईओए जो भी कदम उठायेगा, हम उसका समर्थन करते हैं. ’’

इससे पहले सीजीएफ ने कहा कि वे निकट भविष्य में आईओए अधिकारियों से मिलना चाहते हैं जिससे कि चिंताओं का हल निकाला जा सके.

सीजीएफ के मीडिया एवं कम्यूनिकेशन मैनेजर टास डीगन ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत 2022 बर्मिंघम खेलों में हिस्सा ले और आगामी महीनों में भारत में अपने साथियों के साथ बैठक को लेकर उत्सुक हैं, जिससे कि उनकी चिंताओं और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हो सके.’’

आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए 27 जुलाई को खेल मंत्री कीरेन रीजीजू को पत्र लिखकर बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटाने पर इन खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव रखा था और सरकार से स्वीकृति मांगी थी.

इससे पहले आईओए ने निशानेबाजी को हटाए जाने के विरोध में सीजीएफ की आम सभा से नाम वापिस ले लिया था जो सितंबर में रवांडा में होनी है . आईओए ने साथी ही क्षेत्रीय उपाध्यक्ष पद के लिये राजीव मेहता और खेल समिति के सदस्य के रूप में नामदेव शिरगांवकर के नाम भी वापिस ले लिए थे .

सीजीएफ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्वाभाविक रूप से हम निराश हैं कि भारत में हमारे साथियों ने रवांडा में 2019 सीजीएफ आम सभा में अन्य राष्ट्रमंडल देशों और क्षेत्रों के साथ नहीं आने का फैसला किया है, विशेषकर इसलिए क्योंकि यहां पर राष्ट्रमंडल खेल अभियान की भविष्य की रणनीतिक दिशा पर चर्चा होगी और हमारे 71 सदस्य इसे स्वीकृति देंगे.’’

बत्रा ने 2022 खेलों के बहिष्कार का प्रस्ताव रखते हुए ‘भारत विरोधी मानसिकता’ के लिये सीजीएफ की आलोचना की . उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अच्छा प्रदर्शन करने पर हर बार नियमों में बदलाव की कोशिश की जाती है . उन्होंने कहा कि भारत किसी भी देश का उपनिवेश नहीं है.

आईओए प्रमुख ने पत्र में लिखा ,‘‘हम काफी समय से देख रहे हैं कि भारत जब भी खेलों पर पकड़ बनाने लगता है और अच्छा प्रदर्शन करने लगता है, तब नियमों में बदलाव की कोशिश की जाती है. हमें लगता है कि समय आ गया है कि हम आईओए/भारत में शामिल लोग कड़े सवाल पूछने शुरू करें और कड़ा रवैया अपनाएं.’’


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