MSME के दबाव वाले कर्ज को मार्च 2020 तक एनपीए घोषित न करें: सीतारमण


it is unconstitutional to oppose caa implementation says nirmala sitharaman

 

सरकार ने बैंकों से कहा कि वे मार्च, 2020 तक सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दबाव वाले कर्ज को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित नहीं करें. साथ ही सरकार ने बैंकों से एमएसएमई के कर्ज के पुनर्गठन पर काम करने को कहा है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए.

उन्होंने कहा कि बैंकों को इस परिपत्र का अनुपालन करने को कहा गया है. बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को मार्च, 2020 तक एनपीए घोषित ना करें और उनके कर्ज के पुनर्गठन के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र की मदद हो सकेगी.

वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों ने कुछ ऐसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है. ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.

सीतारमण ने बताया कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ बैठक करेंगे. दूसरे चरण में 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच 200 अन्य जिलों में ऐसी बैठकें होंगी. यानी कुल मिलाकर 400 जिलों में इस प्रकार की बैठकें होंगी.


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