अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस होना चाह रही है दिवालिया
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस कर्ज चुकाने में असफल रहने के बाद दिवालिया घोषित होना चाह रही है. इसके लिए कंपनी ने दिवाला और ऋणशोधन कानून के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में दिवालिया याचिका दायर करने का फैसला किया है.
कंपनी ने कर्ज चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री में असफल रहने के बाद दिवाला और ऋणशोधन कानून के तहत दिवालिया घोषित हो जाने का निर्णय लिया है.
कंपनी ने एक बयान में कहा, “रिलायंस कम्युनिकेशंस का निदेशक मंडल एनसीएलटी के जरिए से कर्ज के समाधान का उपाय तलाश रही है.”
रिलायंस कम्युनिकेशंस के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा बरपा हुआ है. कई ट्विटर यूजर ने अनिल अंबानी को राफेल से जोड़ते हुए घेरा है. इसके साथ ही कंपनी के इस कदम की वजह से ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनका महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट राफेल विमान आलोचना की जद में है.
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 1 फरवरी को कंपनी का कर्ज निपटाने की योजना की समीक्षा की थी. तब कंपनी के निदेशक मंडल ने पाया था कि 18 महीने बीत जाने के बाद भी संपत्तियों को बेचने की योजनाओं से कर्ज दाताओं को अब तक कुछ भी नहीं मिल पाया है.
रिलायंस कम्युनिकेशंस के मुताबिक पिछले 12 महीनों में 45 कर्जदाताओं के साथ 45 से ज्यादा बैठक के बाद कंपनी इस नतीजे पर पहुंची है.
बयान में कहा गया, ‘‘इसी के आधार पर निदेशक मंडल ने तय किया कि कंपनी एनसीएलटी मुंबई के जरिए तेजी से समाधान का विकल्प चुनेगी.’’
निदेशक मंडल का मानना है कि यह कदम सभी पक्षों के हित में होगा.
इससे पहले स्वीडन की दूरसंचार कंपनी एरिक्सन, रिलायंस कम्युनिकेशंस को दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी में याचिका दायर कर चुकी है.
रिलायंस कम्युनिकेशंस पर मार्च 2017 तक सात अरब डॉलर का कर्ज है.