मोदी सरकार में छह पब्लिक सेक्टर कंपनियां बंद हुई
निवेश और लोक परिसंपति प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों की संपत्ति बेचने में अव्वल रही है. अपने पूरे कार्यकाल में यह सरकार करीब दो लाख करोड़ का शेयर बेच चुकी है. इनमें ओएनजीसी, गेल और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों के शेयर भी शामिल हैं.
सरकार ने राज्यसभा में प्रश्न के जवाब में यह स्वीकार भी किया है कि पब्लिक सेक्टर कंपनियों की हालत अच्छी नहीं है. सरकार ने यह माना है कि पिछले तीन साल के दौरान छह केंद्रीय सरकारी लोक उद्यम (सीपीएसई) बंद किए गए. जवाब में यह बात भी सामने आई कि 2017-18 में घाटे में चलने वाले उद्यमों की संख्या 71 हो गई है.
भारी उद्योग और लोक उद्यम राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, “मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त सूचना के अनुसार पिछले तीन वर्षों यानी 2015-16 से 2017-18 के दौरान छह सीपीएसई को बंद किया गया है और इन सीपीएसई की सेवा पंजी पर केवल एक कर्मचारी था.”
उन्होंने बताया कि 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के दौरान घाटे में चलने वाले सीपीएसई उद्यमों की संख्या क्रमश: 79, 81 और 71 थी.
मंत्री ने कहा कि बंद कंपनियों को पुन: चालू करने तथा घाटे में चलने वाली कंपनियों को लाभ अर्जित करने वाली कंपनी के प्रस्ताव संबंधित प्रशासनिक मंत्रालयों व विभागों और संबंधित सीपीएसई के प्रबंधन द्वारा देखे जाते हैं.