तेज गेंदबाजों के सुनहरे दौर से गुजर रही है भारतीय टीम


Indian team is going through the golden phase of fast bowlers

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भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज को टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में शानदार शुरुआत की है और वह अंक तालिका में 120 अंक के साथ सबसे आगे है. वेस्ट इंडीज दौरे पर गई भारतीय टीम ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में जीत में अहम भूमिका बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी बखूबी निभाई है.

भारतीय टीम इस समय अपनी तेज गेंदबाजी के सुनहरे दौर से गुजर रही है. भारतीय टीम के पास जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज मौजूद हैं.

बीते दो सालों में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजों ने देश और विदेश में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. शायद भारतीय क्रिकेट में यह पहला मौका होगा जब टीम की गेंदबाजी स्पिन पर नहीं बल्कि तेज गेंदबाजी पर निर्भर हैं. अगर आज भारतीय टीम टेस्ट में पिछले कुछ समय से नंबर एक पर काबिज है, तो उसका सबसे बड़ा कारण भारतीय तेज गेंदबाजी है.

वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में फेंका गया स्पेल आज के समय में बेहतरीन स्पेलों में से एक था. उस स्पेल बाद बुमराह की तुलना वेस्ट इंडीज के 70 के दशक के दिग्गज गेंदबाजों से की जाने लगी. बुमराह के स्पेल से यह भी साबित होता है कि इस दशक में भारतीय तेज गेंदबाजी कितनी मजबूत हो गई है.

बुमराह के अलावा ईशांत भी क्रिकेट के सबसे लम्बे फोर्मेट में लगातार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. वहीं शमी भी विकेट लेने के साथ अपनी उपलब्धि दर्ज करा रहे हैं.

हाल ही में बुमराह टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से हैट्रिक लेने वाले तीसरे गेंदबाज और वेस्ट इंडीज की धरती पर हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी बने. वहीं ईशांत शर्मा ने भी पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव को एशिया के बाहर सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में पीछे छोड़ दिया है.

पूर्व में भी टीम इंडिया के पास कई बेहतरीन तेज गेंदबाज रहे हैं. कपिल देव, जहीर खान, श्रीनाथ, और वेंकटेश प्रसाद कुछ ऐसे ही नाम हैं.

आने वाले समय में भी भारतीय टीम में अच्छे तेज गेंदबाज नजर आ रहे हैं. इनमें मुहम्मद सिराज, नवदीप सैनी, खलील अहमद कुछ प्रमुख नाम हैं.


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