विश्व कप: पाक को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी


pakistan declares its world cup squad

 

इंग्लैण्ड और वेल्स में होने जा रहे क्रिकेट विश्व कप में जानकार इंग्लैण्ड, भारत और ऑस्ट्रेलिया को मजबूत दावेदार मानकर चल रहे हैं हालांकि पाकिस्तान टीम की संभावनाएं भी कहीं से कम नहीं हैं.

यह ठीक है कि पाकिस्तान का हालिया प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. वह हाल में इंग्लैण्ड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज 4-0 से हारी है. इससे पहले उसे एशिया कप में भी भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा है.

लेकिन अगर रिकॉर्ड पर निगाह डालें तो विश्व कप क्रिकेट के इतिहास में पाकिस्तानी टीम का प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है. पाकिस्तान ने पहला क्रिकेट विश्व कप साल 1975 में खेला था. एक लीग मैच में  पाकिस्तान के सामने वेस्टइंडीज की टीम थी, जिसने 9 विकेट महज 203 रन पर गवां दिए थे, लेकिन पाकिस्तान उस मैच में वेस्टइंडीज को 267 रन बनाने से नहीं रोक पाया. यही वक्त जब जावेद मियांदाद ने इस हार से पाकिस्तान के लिए सबक सीखा.

अंततः पाकिस्तान ने साल 1992 में मियांदाद और इमरान खान की जोड़ी की मदद से क्रिकेट विश्व कप जीतकर अपनी टीम को विश्व चैंपियन बनाया. पाकिस्तान टीम में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. टीम अतीत में चार बार – 1979, 1983, 1987 और 2011 विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है. साल 1996 और 2015 में वह क्वाटर फाइनल में भी पहुंची और साल 1999 में वह रनर-अप रही.

पाकिस्तान के हक़ में एक बात ये भी है कि इंग्लैण्ड का स्टेडियम पाकिस्तान को 1992 के विश्व कप की याद दिलाएगा. चूंकि पाकिस्तान के पास खोने के लिए कुछ नहीं है इसलिए टीम मैदान पर बिना किसी दबाव के खेलगी. इंग्लैण्ड की स्थितियां भी पाकिस्तान को रास आ सकती हैं.

पाकिस्तान की एक ख़ास बात ये भी रही है कि बड़े टूर्नामेंट में इस टीम को हमेशा खुद पर विश्वास रहा है. इस बार फखर जमां और इमाम-उल-हक के साथ बाबर आजम और हारिस सोहेल पाकिस्तान के बल्लेबाजी को शानदार बना सकते हैं. टीम को मजबूती उसके टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों से मिलती है. बाएं हाथ के गेंदबाज मोहम्मद आमिर के बारे में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है.

पाकिस्तान के गेंदबाजों में काफी विविधता है. इस टीम में दो 19 साल के गेंदबाज शाहीन अफरिदी और मोहम्मद हुसैन हैं. इनके अलावा हसन अली, वहाब रियाज, शदाब खान और इमाद वसीम भी शानदार गेंदबाज हैं. बल्लेबाजी के मामले में सरफराज, शोएब मलिक और मोहम्मद हफीज पाकिस्तानी टीम को चैंपियन बनाने में सक्षम हैं. अपनी बेटी की मौत की वजह से पाकिस्तान लौटे आसिफ अली भी टीम के साथ वापस जुड़कर टीम को भावनात्मक मजबूती प्रदान करेंगे.


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