यौन उत्पीड़न मामला: जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, महिला की गैरमौजूदगी में जांच ठीक नहीं


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आरोप लगाने वाली महिला की उपस्थिति के बिना चीफ जस्टिस पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के भीतर से आवाजें उठने लगी हैं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने महिला की उपस्थिति के बिना ये जांच ना करने की मांग की है.

इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला ने इस जांच का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. महिला ने इसको लेकर कुछ गंभीर चिंताएं जताई थीं. उसने कहा था, “मैं नहीं समझती कि मुझे जांच करने वाली समिति से न्याय मिलेगा.”

जांच को लेकर असंतोष जताने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वरिष्ठता क्रम में 10वें नंबर पर हैं और 2022 से लेकर 2024 तक मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं.

इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस आर नरीमन जांच समिति से मिले थे. इस दौरान दोनों जजों ने जांच समिति के सामने अपनी चिंताएं जाहिर की थीं.

जस्टिस आर नरीमन वरिष्ठता के क्रम में पांचवे स्थान पर हैं और कोलेजियम के मौजूदा सदस्य हैं.

इस मामले में चल रही आंतरिक जांच समिति में जस्टिस एसए बोबड़े. इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं.

जांच में शामिल तीन जजों की समिति को जस्टिस चंद्रचूड़ ने लिखा था कि अगर आरोप लगाने वाली महिला की अनुपस्थिति में जांच की जाएगी, तो इससे सुप्रीम कोर्ट की साख को धक्का लगेगा.

इस मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ ने सलाह दी थी कि समिति शिकायतकर्ता को वकील उपलब्ध करा दे या जांच के लिए एमीकस क्यूरी नियुक्त करे.

इससे पहले जांच समिति ने महिला के जांच में शामिल होने से इनकार के बाद भी जांच जारी रखने का फैसला किया था. इस स्थिति को कानूनी शब्दावली में ‘एक्स पार्टे’ कहा जाता है.

इस मामले में शिकायतकर्ता महिला ने कहा था कि जांच के लिए नियुक्त किए गए जजों से उसे न्याय की उम्मीद नहीं है. उसने कहा था कि ये कोई साधारण मामला नहीं था, एक चीफ जस्टिस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला था, लेकिन सुनवाई के दौरान उसे सहायता के लिए वकील या कोई सहायक रखने की अनुमति नहीं दी गई.

इस बारे में शिकायकर्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. महिला ने कहा था कि समिति ने कार्यवाही के दौरान उसकी वकील वृंदा ग्रोवर की मौजूदगी के अनुरोध को खारिज कर दिया था. और उसे कहा गया कि अगर वह भाग नहीं लेगी तो वह एकपक्षीय कार्यवाही करेगी.

इसके बाद जांच समिति की कार्यवाही जारी है. इस मामले में आरोपी, जस्टिस रंजन गोगोई भी जांच समिति के सामने पेश हो चुके हैं.


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