प्रतिरोध की आवाज बनी फैज की नज्म


 

फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम देखेंगे’ एक विरोध कविता के रूप में उभरी है. सीएए का विरोध जाहिर करने के लिए कई कॉलेजों के छात्रों ने इसे गाया था.


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