संदिग्ध हो गया है भारत का डेटा


 

भारत के आर्थिक आंकड़ों ने आज अपनी साख खो दी है. ये कहना है प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जयती घोष का. समृद्ध भारत फाउंडेशन और राजीव गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कॉटेम्पररी स्टडीज की तरफ से आयोजित नेशनल इकॉनमी कॉन्कलेव में प्रो. घोष ने अर्थव्यवस्था को उससे कहीं ज्यादा चिंताजनक बताया, जितना सरकारी आंकड़ों से जाहिर होता है.


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