रेलवे के निजीकरण से “डी-ग्रेड” कर्मचारी सकते में


 

रेलवे के निजीकरण को लेकर 157 साल पुराने पटना जंक्शन के ‘डी-ग्रेड’ कर्मचारी और रेलवे कुली सकते में हैं. उनका कहना है कि रेलवे कर्मचारियों की बड़ी तादाद ऐसी है जो नौकरी पक्की होने के लिए सरकार के भरोसे थी. ऐसे में निजी हाथों में रेलगाड़ियों और रेलवे स्टेशन को देने जैसी बात सरकार की दगाबाजी है. सरकार ने जिन वादों को लेकर उनका वोट लिया था, उससे धोखा किया जा रहा है. निजी कंपनियां उनके साथ क्या व्यवहार करेंगी ये सोचकर भविष्य डराता है. इन्ही मुद्दों को लेकर पटना जंक्शन पर कुलियों और कर्मचारियों से खास बातचीत की हमारे संवाददाता नवेन्दु सिन्हा ने.


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