जो शहीद हुए हैं उनकी क्यों भूल गए कुर्बानी
राष्ट्रवाद. इस शब्द के आस-पास आजकल बहुत कुछ बुना जा रहा है. लेकिन देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देने वाले जवान इस राजनीतिक ताने-बाने को नहीं जानते. इन जवानों के, उनकी शहादतों के ज़िक्र के सहारे पॉलिटिकल नैरेटिव गढ़े जाते हैं. लेकिन सरकारों को उन शहीदों के परिवारों की कितनी फ़िक्र है. एक पड़ताल.