Rajneeti : क्या निजी कंपनियों की राह खुलने से गिरेगी इसरो की साख?


 

स्पेस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने की हरी झंडी दे दी गयी है. केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को रॉकेट और सैटेलाइट बनाने की इजाजत देने का फैसला किया है. साथ ही प्रक्षेपण यानी लॉन्चिंग सेवाएं मुहैया कराने की भी इजाजत देने का फैसला किया है. आखिर स्पेस सेक्टर में सरकार का निजी भागीदारी पर जोर क्यों है? क्या इससे ISRO की साख नहीं गिरेगी?


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