चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर के प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगाई


Malegaon blast case: Pragya Thakur, two other accused exempted from court appearance

 

चुनाव आयोग ने भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगा दी है. चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर को बाबरी मस्जिद वाले बयान को लेकर आचार संहिता उल्लंघन करने का दोषी पाया है.

प्रज्ञा ठाकुर पर यह रोक दो मई की सुबह छह बजे से लागू होगी.

प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान देते हुए कहा था, “मैंने ही ढांचा गिराया था. अब मैं वहां जाऊंगी और राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी. हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है. राम राष्ट्र है और राष्ट्र राम है.”

चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान को लेकर उन्हें नोटिस भेजकर एक दिन के भीतर जवाब मांगा था.

इससे पहले भी शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के ऊपर दिए गए विवादित बयान को लेकर चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस भेजा था. यह नोटिस जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर की तरफ से जारी किया गया था.

कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी से एक भी सदस्य नहीं मिला. इसलिए साध्वी जी को लेकर आए हैं… उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वह बयान देती रहें, इससे हमें मदद मिलती है.

उन्होंने कहा था कि “महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे की मौत इसलिए हुई क्योंकि मैंने उसे श्राप दिया था.” लेकिन बाद में वो अपने बयान से पलट गईं और खुद को बयान से अलग कर लिया.

प्रज्ञा के बयान के बाद बैकफुट पर आई बीजेपी ने डैमज कंट्रोल करते हुए उनके बयान को निजी करार दिया था.

48 साल की प्रज्ञा ठाकुर अभी जमानत पर बाहर हैं. प्रज्ञा ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके मामले की मुख्य आरोपी है. मालेगांव बम धमाके मामले में स्पेशल कोर्ट ने प्रज्ञा के ऊपर से मकोका हटा दिया है. हालांकि, प्रज्ञा पर अभी इस मामले में प्रतिबंधित गतिवधियों के रोकथाम एक्ट के तहत सुनवाई चल रही है.


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