प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति रोकेगी ‘उपहार’ का व्यापार
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां कानूनी लूप-होल यानी खामियों का फायदा उठाकर बिना सीमा शुल्क चुकाए भारत में बेधड़क निर्यात करती रही हैं. लेकिन प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति के तहत ये संभव नहीं रहेगा. नई नीति के तहत हर तरह के विदेशी सामान को सीमा शुल्क जांच से होकर गुजरना पड़ेगा.
दरअसल विदेशी व्यापार अधिनियम 1992 के तहत 5,000 तक के विदेशी गिफ्ट को कर से रियायत दी जाती है. इसके चलते कई विदेशी कंपनियां खासकर चीनी ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे क्लब फैक्टरी और शेईन सस्ते चीनी सामान को गिफ्ट के तौर पर भारत भेजती हैं, जबकि उनका मकसद इनको बेचना होता है.
बीते शनिवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी प्रस्तावित मसौदे में कहा गया है, “कानूनी खामियों का गलत फायदा उठाने पर रोक लगाने के लिए इस तरह की सभी चीजों को बैन कर दिया जाएगा. हालांकि जीवन रक्षक दवाओं पर ये रोक लागू नहीं होगी.”
फिलहाल इस मसौदे को मंत्रालय की वेबसाइट पर सलाह के लिए रखा गया है.
अंग्रेजी वेबसाइट मिंट ने लिखा है कि इससे पहले बीती चार जनवरी को मुंबई के सीमा शुल्क कार्यालय ने अपने अधिकारियों को इस तरह के कूरियर पर नजर रखने को कहा था.
इस प्रस्तावित नीति में सभी तरह की ई-कॉमर्स वेबसाइट और ऐप को भारत में व्यापार कंपनियों के रूप में पंजीकृत होने की बाध्यता का प्रावधान है.
इसमें कहा गया है, “मौजूदा कानून का पालन करने के लिए ये जरूरी है कि इस तरह की नीति बनाई जाए, इससे अवैध व्यापार पर रोक लगेगी और ये गोपनीयता, सुरक्षा को देखते हुए भी जरूरी है.”