मोदी की विदेश यात्राओं पर खर्च हुए करदाताओं के 2000 करोड़


pm modi's plane will not flyover pak's airospace

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर बीते साढ़े चार साल में भारतीय करदाताओं के 2000 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए गए हैं. विदेशी मुद्रा में यह रकम 280 मिलियन डॉलर है.  भारतीय मुद्रा में यह करीब 20,08,58,00,000 रुपये होता है.

अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी एक खबर में लिखा है विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पीएम मोदी ने बीते साढ़े चार साल में कुल 84 विदेश यात्राएं की हैं. इन यात्राओं पर भारतीय करदाताओं का 2000 करोड़ से ज्यादा रुपया खर्च किया गया है.

इसमें प्रधानमंत्री के ट्रिप पर आने वाली लागत समेत उनके प्लेन एयर इंडिया वन के रखरखाव और हॉटलाइन पर आने वाला खर्च भी शामिल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद से लगातार विदेश यात्राएं की हैं. इस बीच उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से कई बार मुलाकात की. इन यात्राओं का उद्देश्य जापान और अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों में कूटनीतिक मजबूती लाना रहा है.

नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा उनकी अब तक की सबसे विवादित विदेश यात्राओं में से एक है. 8 नवंबर, 2016 को हुई नोटबंदी के बाद जब पूरा देश इसकी मार झेल रहा था, उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपनी जापान यात्रा के लिए रवाना हो गए थे. विपक्ष ने उनके इस कदम की कड़ी आलोचना की थी.

इनमें कुछ ऐसी भी विदेश यात्राएं रहीं जिनका अधिक महत्व नहीं था. साथ ही कई विदेश यात्राओं के दौरान चौंकाने वाले फैसले लिए गए. इनमें दक्षिण अफ्रीका, यूनान और तुर्कमेनिस्तान की यात्राएं शामिल हैं.

पीएम मोदी ने अपने दक्षिण अफ्रीका दौरे के समय रवांडा के एक गांव को 200 दुधारू गायें दान में दी थी.

वहीं चीन यात्रा के दौरान उन्होंने योग कॉलेज खोलने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. इसके अलावा अपनी तुर्कमेनिस्तान यात्रा के दौरान उन्होंने योग और पारंपरिक भारतीय दवाओं के क्षेत्र में साथ काम करने का वादा किया था.

सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि पीएम मोदी की इन विदेश यात्राओं पर भारतीय करदाताओं से मिलने वाली एक बड़ी रकम खर्च की गई है. ऐसे में यह सवाल पूछा जाना जायज है कि भारत को इन यात्राओं से क्या वाकई में कूटनीतिक और आर्थिक लाभ हुए?

 


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