अप्रैल से जून के बीच 18 सरकारी बैंकों में 31,898.63 करोड़ की धोखाधड़ी: आरटीआई


bank credit growth slows to 10.24 percent and deposits at 9.73 percent

 

सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के 18 बैंकों में कुल 31,898.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 2,480 मामले सामने आए हैं. देश का शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इस अवधि में धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार बना.

मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि आरबीआई के एक अधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी है.

आरटीआई के तहत गौड़ को भेजे गए जवाब से पता चलता है कि 30 जून को समाप्त पहली तिमाही में एसबीआई में धोखाधड़ी के 1,197 मामलों का पता चला जो कुल 12,012.77 करोड़ रुपये की राशि से संबंधित थे.

इस अवधि में इलाहाबाद बैंक दूसरे स्थान पर रहा. इलाहाबाद बैंक में कुल 2,855.46 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 381 मामले सामने आए. पंजाब नेशनल बैंक कुल 2,526.55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 99 मामलों के साथ इस सूची में तीसरे पायदान पर रहा.

बहरहाल, आरबीआई की ओर से आरटीआई के तहत मुहैया कराई गई जानकारी में बैंकिंग धोखाधड़ी की प्रकृति और इसके शिकार बैंक या उसके ग्राहकों को हुए नुकसान का विशिष्ट ब्योरा नहीं दिया गया है. आरटीआई अर्जी में गौड़ के एक सवाल पर आरबीआई ने कहा कि उसके पास इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि आलोच्य अवधि में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में कुल कितनी राशि का नुकसान हुआ.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा में 2,297.05 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 75 मामले, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 2,133.08 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 45 मामले, केनरा बैंक में 2,035.81 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 69 मामले, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 1,982.27 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 194 मामले, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 1,196.19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 31 मामले सामने आए.

इसी अवधि में कॉरपोरेशन बैंक में 16 मामलों में 960.80 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक में 46 मामलों में 934.67 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक में 54 मामलों में 795.75 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 51 मामलों में 753.37 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया में 42 मामलों में 517.20 करोड़ रुपये, यूको बैंक में 34 मामलों में 470.74 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 85 मामलों में 253.43 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक में धोखाधड़ी के 23 मामलों में 136.27 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक में 37 मामलों में 37.17 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक में धोखाधड़ी के सिर्फ एक मामले में 2.2 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी की चपेट में आई.


Big News