कांग्रेस के ‘न्याय’ पर गरीबों को कितना भरोसा?


how poors are perceiving the nyay of congress

 

‘न्याय’ यानी न्यूनतम आय योजना, 2019 के चुनावी घमासान में अब तक का सबसे बड़ा वादा है. इसका एलान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया है. इस योजना से देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को फायदा होगा यानी करीब 25 करोड़ लोगों को. लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस को इस वादे का फायदा चुनावों में मिलेगा? क्या 2019 के चुनावों में ये एलान मास्टर स्ट्रोक साबित होगा? और क्या ये योजना राहुल के शब्दों में वाकई ‘गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक’ साबित होगी?

इन तमाम सवालों के जवाब फिलहाल चुनाव परिणामों और उसके बाद बनने वाले समीकरणों पर निर्भर करते हैं. लेकिन एक सवाल का जवाब फिलहाल तलाशा जा सकता है और वो ये कि क्या कांग्रेस को इस वादे का फायदा चुनावों में मिलेगा?

इस सवाल के जवाब की तलाश में हम दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में बसी एक झुग्गी बस्ती में पहुंचे. जहां की तस्वीर कुछ ऐसी थी कि कहीं कोई चूल्हे पर रोटी पका रहा था तो कहीं बच्चे कूड़े के ढेर से लकड़ियां बीन रहे थे. बस्ती में वे ही पुरुष बचे थे जिन्हें दिन का काम नहीं मिला और वे कुछ ना कुछ करके अपना समय काट रहे थे.

बस्ती में लोगों से जब बात की तो पहले तो उन्हें ऐसे किसी वादे के बारे में पता नहीं था. लेकिन जब उन्हें इस वादे के बारे में बताया तो उनके चेहरे कुछ खिले लेकिन एक आश्चर्य के साथ.

झुग्गी में रहने वाली नाजिया ने कहा, “अगर ऐसा होता है तो उनके लिए बहुत मदद होगी. वे अपने बच्चों को भी अच्छे से पढ़ा सकेंगी और खाने पीने का इंतज़ाम करना भी आसान हो जाएगा.”

अपना दर्द साझा करती हुईं नाजिया

करीब-करीब 65 साल की शांतिदेवी ने कहा, “मोदी ने भी ऐसे ही वादे किए थे कि वो हम गरीबों के दिन बदल देंगे. लेकिन क्या हुआ, हम आज भी पॉलीथिन के नीचे बैठे हैं. सब ऐसे ही वादे करते हैं, हमारे लिए किसी को फिक्र नहीं है. लेकिन फिर भी हम इस बार कांग्रेस को वोट देंगे. उनकी सरकार में कम से कम हमें काम मिलने में इतनी परेशानी नहीं होती, जितनी अभी हो रही है.”

अपनी परेशानी जाहिर करती हुईं शांति देवी courtesy

वहीं नईम ने कहा, “कांग्रेस की सरकार इस वादे को निभा दे तो सच में देश से गरीबी खत्म हो सकती है. लेकिन मुझे अब चुनावों में होने वाले वादों पर भरोसा नहीं है. हम गरीबों को कभी कुछ नहीं मिलता. अगर राहुल गांधी हमारे लिए इतना सोच रहे हैं तो हम भी उनके लिए सोचेंगे.”

झुग्गी बस्ती में चुनावी उत्साह की बात करें तो लोग बेहद उदासीन हैं. इसकी वजह है कि कई लोगों के पास दिल्ली में वोट देने का अधिकार नहीं है.

नईम courtesy

देश में गरीबी का हाल क्या है और अब तक की तमाम सरकारी योजनाएं गरीबी दूर करने में कितनी कारगर साबित हुई हैं ये हकीकत किसी से नहीं छिपी है. लेकिन अगर लोगों को सीधे आर्थिक मदद मिले तो इसका असर अलग हो सकता है.

2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार सरकारी दस्तावेज में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने देश में न्यूनतम आय की गारंटी लागू करने की वकालत की थी. देश के कई राज्यों में भी अलग-अलग नामों से इससे मिलती जुलती योजनाएं चल रही हैं. लेकिन आर्थिक मदद यानी रुपयों के मामले में कांग्रेस की ‘न्याय’ सबसे बड़ी योजना साबित हो सकती है.

लेकिन फिलहाल कम से कम चुनावों के लिहाज से कांग्रेस का ये वादा बड़ा फ़ायदा देने वाला साबित हो सकता है और इसने हाशिए पर खड़े लोगों के मन में कम से कम एक उम्मीद तो जगाई ही है.


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