लापता एन-32 की जानकारी देनेवाले को पांच लाख का इनाम


5 lakh reward for informers of IAF missing aircraft N-32

 

वायुसेना ने लापता विमान एन-32 के बारे में कोई सुराग या जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है. तीन जून को वायुसेना का यह परिवहन विमान लापता हो गया था. इसमें 13 लोग सवार हैं.

पूर्वी एयर कमांड के एयर मार्शल आरडी माथुर ने कहा है कि गायब एयरक्राफ्ट की खोज जारी है, इस बीच गायब एयरक्राफ्ट की विश्वनीय जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये दिए जाएंगे.

कोई भी व्यक्ति वायुसेना को लैंडलाइन नंबर 0378-3222164; या मोबाइल नंबर  9436499477/ 9402077267/ 9402132477 पर लापता विमान के बार में जानकारी दे सकता है.

इससे पहले सियांस प्रशासन ने जानकारी देने वाले को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी.

एक अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा कि मॉनसून में लोगों के लिए घने जंगलों में जाना आसान नहीं है क्योंकि सांप, जोंक और जहरीले कीड़े जैसे कि दमदम मक्खी का प्रकोप बढ़ गया है. इनाम से उन्हें जान जोखिम में डालने को बढ़ावा मिलेगा.

अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में छपी खबर के मुताबिक खोज के लिए स्थानीय शिकारियों की मदद भी ली जा रही है क्योंकि उन्हें यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में बेहतर जानकारी है.

रूस निर्मित विमान ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए तीन जून की रात 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी. जमीनी नियंत्रण कक्ष के साथ विमान का संपर्क दोपहर एक बजे टूट गया.

वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि खोज टीम इसरो के उपग्रहों सहित विभिन्न एजेंसियों के उन्नत तकनीक और सेंसर के साथ विमान का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्गम इलाके और घने जंगल से मिशन प्रभावित हो रहा है. दिन भर खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण हवाई अभियानों को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ा है.’’

उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद वायु सेना, थल सेना और स्थानीय प्रशासनों का संयुक्त खोज अभियान जारी है.

स्थानीय और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें सियांग जिले के आसपास के इलाकों की तलाश कर रही हैं.

सिंह ने कहा, “भारतीय वायुसेना ने अभियान में और अधिक हेलीकॉप्टरों और मालवाहक विमानों को तैनात किया है और पिछले कुछ दिनों में खोज क्षेत्र का काफी विस्तार किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘हवाई सेंसर और उपग्रहों से एकत्र किए गए डेटा और तस्वीरों का सुराग ढूंढ़ने के लिए बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है.’’

 


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