विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले 85 फीसदी छात्र भारत में प्रैक्टिस करने योग्य नहीं


85 students per MBBS degree from abroad are not eligible to practice in India

 

विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाले केवल 15 फीसदी छात्र ही भारत में प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए आयोजित परीक्षा पास करने में कामयाब रहे. इनमें सबसे लोकप्रिय देशों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. परीक्षा में बैठने वाले 87.6 फीसदी(54,055) छात्र केवल सात देशों- चीन, रूस, बांग्लादेश, उक्रेन, नेपाल, कजाखिस्तान और किर्गिजिस्तान से एमबीबीएस की डिग्री ली है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा(एफएमजीई) में केवल 15 फीसदी अभ्यर्थी कामयाब रहे. ज्यादातर सफल छात्र बांग्लादेश या मॉरीशस से डिग्री लेकर लौटे हैं.

एफएमजीई का आयोजन करने वाली संस्था नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने साल 2015 से 2018 के बीच विदेशी मेडिकल संस्थानों से डिग्री हासिल करने वाले 61,708 छात्रों के नतीजों के विश्लेषण के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है.

मेडिकल की डिग्री के लिए सबसे पसंदीदा देशों में शुमार चीन, रूस और यूक्रेन के केवल 14.2 फीसदी(8,764) छात्र एफएमजीई में सफल रहे.

आंकड़ों के मुताबिक मॉरीशस से डिग्री लेने वाले 52 फीसदी(154 में 81) और बांग्लादेश के 27.11 फीसदी (1265 में 343) छात्रों को परीक्षा में कामयाबी मिली.

चीन की मेडिकल संस्थाओं से डिग्री लेने वाले छात्रों की सफलता की दर 11.67 फीसदी (20,314 में 2,370), रूस की 12.89 फीसदी और यूक्रेन की15 फीसदी रही.

भारत में एमबीबीएस की कुल 77,000 सीटें हैं.


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