वीवीपैट पर्चियों की गिनती पर चुनाव आयोग को आपत्ति क्यों: अभिषेक मनु सिंघवी


Abhishek Singhvi said why is the election commission in opposition to demand for matching vvpat slips

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ईवीएम के साथ लगी वीवीपैट की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग दोहराते हुए सवाल किया कि आखिर चुनाव आयोग को इस पर क्या आपत्ति है और वह इसके विरोध में क्यों है?

उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘विभाजनकारी और घृणात्मक’ बयान दे रहे हैं ताकि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिंघवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा,”हमारा यह कहना है कि चुनाव आयोग को कोई जिद्द नहीं करनी चाहिए. हम ईवीएम पर विश्वास नहीं करते लेकिन फिलहाल कोई विकल्प नहीं है क्योंकि समय ही नहीं है. हम कह रहे हैं कि ईवीएम से चुनाव हो लेकिन कम से कम 40-50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान होना चाहिए. इसमें आयोग का इतना विरोध क्यों है? इसके लिए तो चुनाव आयोग को खुद पहल करनी चाहिए.”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया,”वीपीपैट की पर्चियों के मिलान की बात देश की एक राष्ट्रीय पार्टी नहीं मानती. यह तो चोर की दाढ़ी में तिनके वाली बात है.”

चुनाव आयोग की ‘लॉजिस्टिक की कमी’ वाली दलील पर सिंघवी ने कहा,”यह विश्वसनीयता की बात है. एक तरफ विश्वसनीयता का प्रश्न है तो दूसरी तरफ लॉजिस्टिक का प्रश्न है. पर्चियों के मिलान के लिए अगर एक की बजाय पांच टीमें लगा दी जाएंगी तो एक या दो दिन में काम पूरा हो जाएगा.”

उन्होंने कहा,”पहले चरण के मदतान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी और वोटर लिस्ट से नाम गायब होने जैसी कई शिकायतें आई हैं. ये तथ्य हमने चुनाव आयोग के सामने रखे हैं.”

प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के कुछ दूसरे नेताओं के चुनावी भाषणों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा,”प्रधानमंत्री, अमित शाह और योगी के घृणात्मक बयान आ रहे हैं. वे सेना का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रहे हैं. यह उनकी घबराहट और बौखलाहट को दिखाता है. इनके पास रोजगार पर कोई जवाब नहीं है. मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए ये ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं. हमने इनके विभाजनकारी और घृणात्मक वक्तव्यों के बारे में चुनाव आयोग को बताया है.”


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