जन्म दिन विशेष: भारतीय सिनेमा की एक अनूठी शख्सियत पंकज कपूर


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भारत में कला फिल्मों और समानांतर सिनेमा के मशहूर अभिनेता पंकज कपूर का आज 65वां जन्मदिन है. अपने अभिनय के दम पर उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं . उनके बेहतरीन फिल्मों में ‘एक डॉक्टर की मौत’, ‘जाने भी दो यारों’, ‘रुई का बोझ’, ‘रोजा’, ‘खामोश हूं मैं’, ‘आरोहण’, ‘खंडहर’, ‘मढ़ी दा दीवा’, ‘मैं जिंदा हूं’, ‘आधारशिला’ और ‘गांधी’ शामिल हैं. उनकी पहचान दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘नीम का पेड़’, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ और ‘ऑफिस ऑफिस’ भी रहे.

पंकज कपूर का जन्म  29 मई 1954 को पंजाब के लुधियाना में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. पंकज को बचपन से ही अभिनय का शौक था. अभिनय में रुचि के चलते साल 1973 में अपनी इंजीनियरिंग  की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला ले लिया.

पंकज कपूर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1982 में प्रदर्शित फिल्म ‘आरोहण’ से की. इसी साल प्रदर्शित फिल्म ‘गांधी’ में पंकज कपूर ने सेक्रेटरी प्यारेलाल की भूमिका निभाई थी. हालांकि उन्हें शोहरत इस किरदार से नहीं बल्कि महात्मा गांधी की आवाज बनकर मिली. रिचर्ड एटनबरो की फिल्म ‘गांधी’ में बेन किंग्सले ने गांधी का यादगार किरदार निभाया वहीं फिल्म के हिंदी रूपांतरण में पंकज ने गांधी को अपनी आवाज दी.

साल 1985 में दूरदर्शन के मशूहर शो ‘जासूस करमचंद’ में उन्होनें जासूस का किरदार निभाया था. अपने इस किरदार के जरिए वो लोगों के दिलों के करीब पहुंच गए थे. इसके साथ ही उन्हें अपने किरदार के लिए आलोचकों से भी सराहना मिली. पंकज कपूर ने साल 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘राख’ से सिनेमा जगत में काफी नाम किया था. इस फिल्म में पकंज के साथ आमिर खान थे. बॉक्स आफिस पर फिल्म भले ही असफल रही, लेकिन पंकज कपूर के दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

साल 1991 में फिल्म एक ‘एक डॉक्टर की मौत’ के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्पेशल ज्यूरी पुरस्कार मिला. इसी साल उन्होंने दूरदर्शन पर आने वाले मशहूर धारावाहिक ‘नीम का पेड़’ में अहम भूमिका निभाई थी. ‘नीम का पेड़’ प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार राही मासूम रजा के उपन्यास पर आधारित था.  पंकज कपूर को साल 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘मकबूल’ के लिए भी सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. पंकज कपूर अभिनीत ‘मकबूल’, ‘धर्म’, ‘द ब्लू अम्ब्रैला’ क्लासिक सिनेमा की श्रेणी में शुमार हैं.

उनके निजी जीवन की बात करें तो साल 1975 में 21 साल की उम्र में उन्होंने अभिनेत्री नीलिमा अज़ीम से शादी कर ली थी. हिन्दी सिनेमा जगत के जाने-माने अभिनेता शाहिद कपूर, नीलिमा और पकंज के बेटे हैं. हालांकि नीलिमा और पकंज की शादी ज्यादा समय ना चल सकी और दोनों अलग हो गए. इसके बाद पकंज कूपर ने बॉलीवुड अभिनेत्री सुप्रिया पाठक से शादी की थी. पंकज और सुप्रिया के दो बच्चे हैं.

फिल्मों के साथ ही पंकज ने टीवी की दुनिया में भी सराहनीय काम किया. साल 2001 में सब टीवी पर ‘ऑफिस ऑफिस’ शो प्रसारित हुआ. जिसमें उन्होंने मुसद्दीलाल का कभी ना भूले जाने वाला किरदार निभाया. साल 1991 में आए अपने समय के बेहतरीन व्यंग्य धारावाहिक ‘फटीचर’ में पंकज ने अपने अभिनय से जान फूंक दी थी. धारवाहिक के लेखक और निर्देशक अनिल चौधरी ने इसमें आम आदमी के जीवन के जद्दोजहद दिखाए और पंकज ने अपने अभिनय से इसे खूब पकड़ा . ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’, ‘ऑफिस ऑफिस’, ‘फटीचर’, ‘जासूस करमचंद’, ‘नीम का पेड़’ और न जाने ऐसे कितने ही धारावाहिकों में पंकज ने दमदार अभिनय किया, जो हर समय में प्रासांगिक रहेंगे.


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