नकदी की कमी से ग्रामीण इलाकों में घट रही बिक्री: HUL
हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने कहा है कि उसके होलसेलर्स और छोटे रिटेलर्स को नकदी की बड़ी दिक्कत हो गई है. कंपनी ने कहा है कि इसके चलते शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण बाजारों में उसकी ग्रोथ पिछले 7 साल में पहली बार सुस्त रही है.
कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर श्रीनिवास पाठक ने शेयरधारकों से बातचीत में कहा, ‘ऐसा लगता है कि मध्य भारत के कुछ ग्रामीण इलाकों में नकदी की समस्या फिर से सिर उठा रही है.’
उन्होंने कहा कि कंपनी इस समस्या को दूर करने के लिए सीधे दखल दे रही है.
पाठक ने बताया कि हम समस्या का सही समाधान निकालने और अपने डिस्ट्रिब्यूटर्स की मदद के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कुछ मामलों में हम डिस्ट्रिब्यूटर्स को क्रेडिट के जरिए मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल रेपो रेट में 135 बेसिस प्वाइंट की कमी की है. उसने बैंकों को कर्ज को एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ने को कहा है. इससे नकदी का स्तर बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि नकदी बढ़ाने के लिए अब तक कई उपाय किए गए हैं. लेकिन, बैंकिंग सिस्टम के जरिए अब भी दखल दिए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है. अब भी नकदी की काफी तंगी है, जिससे स्थिति में सुधार होने में थोड़ा वक्त लगेगा.
हाल में जारी रिर्जव बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों की लोन ग्रोथ गिरकर 8.8 फीसदी पर आ गई है. यह दो साल का निचला स्तर है. पहले नॉन-बैंकिग फाइनेंशियल कंपनियों से असंगठित क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और छोटी कंपनियों की कर्ज की जरूरतें पूरी हो रही थीं. लेकिन, एनबीएफसी के संकट में फंसने से इसमें दिक्कत आ रही है.