AGR मामला : टेलीकॉम कंपनियों के लिए केंद्र के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा – यह सरासर अवमानना है
Adjusted Gross Revenue (AGR) मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए केंद्र के अनुरोध पर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सरासर अवमानना है.
DOT को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसने बकाया राशि के लिए पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि यह अवमानना का मामला बनता है. जो हो रहा है वो बेहद चौकाने वाला है. बकाया राशि के भुगतान का पुनर्मूल्यांकन को हमनें इजाजत नहीं दी तो ये कैसे हुआ -‘क्या हम मूर्ख है’.
जस्टिस अरुण मिश्रा, एसए नजीर और एमआर शाह की पीठ ने केंद्र की उस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को बकाया भुगतान करने के लिए 20 वर्ष का समय देने की सिफारिश की गई है. पीठ ने कहा कि आवेदन दो हफ्तों के बाद लिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक भुगतान करना ही होगा. कंपनियों को ब्याज और जुर्माना दोनों ही देना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान की समय सीमा देने की केंद्र की अर्जी पर अगली सुनवाई में तय करेगा. दो हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.