वायुसेना का विमान लापता, आठ क्रू मेंबर समेत 13 लोग हैं सवार


Air Force plane missig

 

भारतीय वायुसेना का परिवहन विमान असम से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया है.

लापता एंटोनोव एन-32 मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से आखिरी संपर्क एक बजे दोपहर में हुआ था.

विमान में आठ क्रू सदस्य सहित 13 लोग सवार हैं.

वायुसेना एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है.

इंडिया टुडे की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक एनटोनोव एन-32 असम के जोरहाट से मेनचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. यह अरुणाचल प्रदेश के मेचुका वैली में स्थित है. यहां से चीन की सीमा लगती है.

उड़ान भरने के 35 मिनट के बाद विमान का जमीन से संपर्क टूट गया था.

भारतीय वायुसेना ने कहा कि विमान ने जोरहाट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश के शि – योमी जिले के मेनचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी।

वायुसेना ने बयान में कहा , ” दुर्घटना स्थल के संभावित स्थान को लेकर कुछ सूचनाएं मिली है. हेलिकॉप्टरों को उस जगह पर भेजा गया था. हालांकि, अभी तक कोई भी मलबा नहीं देखा गया है.”

विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। लापाता विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना भारतीय थलसेना के साथ – साथ विभिन्न सरकारी एजेंसियों की मदद ले रही है।

लापता विमान का पता लगाने के लिए वायुसेना ने दो एमआई -17 हेलिकॉप्टर के अलावा सी -130 जे और एएन -32 विमान लगाया है जबकि थल सेना ने अत्याधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर (एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर) तैनात किए हैं.

वायुसेना ने कहा , ” जमीन और हवा में तलाश अभियान के रातभर जारी रहने की योजना है. ”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में वायुसेना के उपप्रमुख से बात की है और वे इन यात्रियों के सुरक्षित रहने की कामना करते हैं.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा , ‘‘ कुछ समय से लापता वायु सेना के एएन -32 विमान के संबंध में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया से बातचीत की. उन्होंने मुझे वायुसेना के इस लापता विमान को लेकर उठाये गए कदमों की जानकारी दी. मैं इसमें सवार सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिये प्रार्थना करता हूं.’’

चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ चार दिवसीय यात्रा पर स्वीडन गए हुए हैं.

एएन -32 रूस निर्मित वायुयान है और वायुसेना बड़ी संख्या में इन विमानों का इस्तेमाल करती है.

यह दो इंजन वाला ट्रर्बोप्रॉप परिवहन विमान है.

अधिकारियों ने कहा कि मेनचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड चीन की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है. यह करीब 35 किलोमीटर दूर है.


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