लगातार घाटे से जूझ रही एयर इंडिया का होगा निजीकरण


air india will be privatized says government

 

सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया का निजीकरण होने जा रहा है. यह जानकारी नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार एयर इंडिया का निजीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है और निजीकरण करने से पहले एयर इंडिया को संचालन की दृष्टि से बेहतर बनाया जा रहा है.

पुरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि इन प्रयासों के फलस्वरूप एयर इंडिया वित्तीय रूप से मजबूत हुई है और चालू वित्त वर्ष में यह लाभ अर्जित करेगी. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया मौजूदा दौर में प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित कर रही है और साल के अंत तक कंपनी लाभ की स्थिति में आ जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी योजना एयर इंडिया को फिर से मजबूत कर इसका विनिवेश करना है. सरकार एयर इंडिया के निजीकरण के लिये प्रतिबद्ध है. इसमें कोई संदेह नहीं है.’’

यह पहली बार है जब सरकार ने साफ तौर पर एयर इंडिया के निजीकरण की बात स्वीकारी है.

पुरी ने स्वीकार किया कि एयर इंडिया का कुल घाटा 59 हजार करोड़ रुपये है. इसमें निजीकरण की कोशिश के तहत विशेष कोष के जरिए 29 हजार करोड़ रुपये की पूर्ति की जाएगी. एयर इंडिया के पास कर्मचारियों के वेतन का अक्तूबर के बाद भुगतान करने के लिये धन नहीं होने के सवाल पर पुरी ने कहा कि वे एयर इंडिया में वैकल्पिक व्यवस्था कायम होने के बाद वित्तीय संकट के बारे में बहुत अधिक चिंतित नहीं हैं.

इससे पहले सरकार एयर इंडिया में विनिवेश की कोशिश कर रही थी. दरअसल, एयर इंडिया को इस वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है. कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी थी, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया. सरकार इस एयरलाइन में अपनी 76 फीसदी हिस्‍सेदारी बेचना चाहती थी.


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