इलाहाबाद HC ने AMU छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के लिए सरकार को नोटिस भेजा


allahabad hc send notice to state government over police action on amu students

 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों पर 15 दिसंबर को पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किए जाने का मुद्दा उठाने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा.

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने प्रयागराज के मोहम्मद अमान खान द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

याचिका में कहा गया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ 13 दिसंबर से शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे. हालांकि, 15 दिसंबर को ये छात्र मौलाना आजाद पुस्तकालय पर एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय गेट की ओर मार्च किया.

याचिकाकर्ता का आरोप है कि विश्वविद्यालय गेट पर पहुंचने पर वहां तैनात पुलिस ने छात्रों को उकसाना शुरू कर दिया, लेकिन छात्रों ने प्रतिक्रिया नहीं दी. कुछ समय बाद पुलिस ने इन छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए और उन पर लाठियां बरसाईं जिसमें करीब 100 छात्र घायल हो गए.

अदालत ने हालांकि गिरफ्तार लोगों की रिहाई पर कोई आदेश पारित करने से इनकार किया क्योंकि अदालत का मानना था कि गिरफ्तार छात्रों के अभिभावक उनकी रिहाई के लिए सक्षम अदालत से संपर्क कर सकते हैं और एक सामान्य आदेश के जरिए इस जनहित याचिका में यह नहीं किया जा सकता.

अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी, 2020 निर्धारित की.


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