क्या आलोक वर्मा को है जांच आगे बढ़ाने का अधिकार?
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को इस शर्त के साथ अपने पद पर बहाल किया था कि वे कोई बड़ा ‘नीतिगत निर्णय’ नहीं ले सकते. कोर्ट ने यह भी जोड़ा था कि वे अपने पद पर रहते हुए वे फिलहाल रोजमर्रा के कामकाज से जुड़े निर्णय ले सकते हैं.
लेकिन दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें ये स्पष्ट उल्लेख हो कि बड़े ‘नीतिगत निर्णय’ में कौन-कौन निर्णय शामिल हैं. बल्कि एक्ट के अनुसार, सीबीआई निदेशक के रोजमर्रा कार्यों के दायरे में शिकायत दर्ज करने, प्रारंभिक जांच शुरू करने, एफआईआर करने और स्थानांतरण आदि करने संबंधी कार्य आते हैं.
इसका मतलब ये हुआ कि अगर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा चाहें तो वे मौजूदा मामलों की जांच आगे बढ़ा सकते हैं. इसके साथ-साथ उन्हें नई एफआईआर और शिकायत दर्ज करने का भी अधिकार है.
वैसे,सीबीआई में नीति,प्रक्रिया,एजेंसी की सुरक्षा,विभिन्न मंत्रालयों से पत्राचार और सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधी विशेष कार्यक्रमों को लागू करने के लिए अलग से एक नीतिगत विभाग है. लेकिन किसी मामले की जांच करना सीधे तौर पर उसके कार्यक्षेत्र में आता है.
यहां तक कि आलोक वर्मा से पहले सीबीआई के प्रभारी निदेशक रहे एम नागेश्वर राव ने भी एफआईआर दर्ज और चार्जशीट दायर करने समेत स्थानांतरण संबंधी कई फैसले लिए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उन पर भी कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लेने की बंदिश लगाई थी. हाल में उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी राव ने ही दिया था.
टाइम्स आफ इंडिया ने सीबीआई के एक पूर्व संयुक्त निदेशक के हवाले से लिखा है कि जांच शुरू करना, चार्जशीट दायर करना और स्थानांतरण आदि से जुड़े फैसले उसके रोजमर्रा के कार्यों में आते हैं.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि आलोक वर्मा अक्टूबर महीने में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज 15 एफआईआर की जांच आगे बढ़ा पाएंगे या नहीं. अस्थाना ने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रखा है.
स्पष्ट है कि आलोक वर्मा के संबंध में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई बंदिश का दायरा बहुत धुंधला है. शायद यही वजह है कि उन्होंने सीबीआई निदेशक का पद संभालते ही तत्कालीन निदेशक (प्रभारी) एम नागेश्वर राव द्वारा किए गए लगभग सारे तबादले रद्द कर दिए.