टॉपलेस घूमने की आजादी के लिए लड़ती अमेरिकी महिलाएं
Rich Beauchesne / Portmsouth Herald via AP file
अमेरिका के न्यू हैम्पशायर की तीन महिलाओं ने शहर के नग्नता संबंधित कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. महिलाओं का तर्क है कि सार्वजनिक जगहों पर बिना टॉप घूमने को नग्नता की श्रेणी में रखने वाला कानून महिला और पुरुषों को समान बताने वाले अमेरिकी संविधान के खिलाफ है.
महिलाओं का एक समूह शहर के इस कानून के खिलाफ और दुनिया भर की महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए ‘फ्री द निप्पल’ नाम से अभियान चला रहा है.
‘फ्री द निप्पल’ कैंपेन की शुरुआत साल 2016 में हुई जब लैकोनिया के तट पर टॉप के बिना योगा की तस्वीर शेयर करने पर स्थानीय कानून के तहत जिंगर पायरो को गिरफ्तार कर लिया गया था. उनपर सार्वजनिक जगहों पर नग्नता फैलाने का आरोप लगा था. आरोप में कहा गया था कि उन्होंने अपने स्तन के निप्पल को पूरी तरह से खुला रखा था.
सीएनबीसी में छपी खबर के मुताबिक दो अन्य महिलाओं– हैदी लिलि और किया सिनकेयर ने उसी तट पर टॉपलेस होकर गिरफ्तारी का विरोध किया था. इन दोनों महिलाओं को भी नग्नता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया.
तीनों महिलाओं ने इस गिरफ्तारी को न्यू हैम्पशायर कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन यहां उन्हे निराशा हाथ लगी. अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सुप्रीम कोर्ट को भेजे संक्षिप्त नोट में उन्होंने कहा है कि टॉपलेस बैन भेदभावपूर्ण रवैया है क्योंकि पुरुषों को सार्वजनिक जगहों पर बिना शर्ट रहने की आजादी है. इसके साथ ही इस तरह के प्रतिबंध महिलाओं के सेक्सुअलाइज्ड ऑब्जेक्टिफिकेसन को बढ़ावा देते हैं.
न्यू हैम्पशायर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि कानून महिला और पुरुष को अलग-अलग नजरिये से देखता है.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नग्नता का निर्धारण परंपरा से होता है और यह एक-दूसरे से बदलने वाला नहीं है. स्थानीय कोर्ट की तरह हैम्पशायर कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा कि सार्वजनिक जगहों पर महिला के स्तन को दिखाना यौनिकता को दिखाने के जैसा ही है.
हालांकि फरवरी में अमेरिका की एक स्थानीय अदालत ने एक मामले में टॉपलेस बैन को खत्म करने संबंधित फैसला दिया था.
छाती को खुला रखने को लेकर कोर्ट ने महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग नजरिये को न्यायोचित नहीं माना था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह समाज की यौनिकता के नजरिये को दिखाता है जिसमें महिला के स्तन का मुख्य काम बच्चे को दूध पिलाने के बजाय सेक्स से जोड़कर देखा जाता है.
अक्टूबर में अमेरिका का सर्वोच्च न्यायालय मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर सकती है.