अमित शाह ने रखा बहु-उद्देश्यीय पहचान पत्र का प्रस्ताव


every single infiltrator will be thrown from country till 2024 says shah

 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 2021 में जनगणना डिजिटली होगी. सोमवार को शाह ने सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र का विचार रखा जिसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी होंगी.

शाह ने यह भी कहा कि जनगणना 2021 के आंकड़े मोबाइल एप के जरिए जुटाए जाएंगे.

यह जनगणना 2021 में की जाएगी और पहली बार यह पेपर के अलावा  डिजिटल फार्म में होगी. अमित शाह ने बताया कि 12,000 करोड़ रुपये राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और जनगणना की तैयारी पर खर्च किए जाएंगे.

गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह की प्रणाली भी होनी चाहिए जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अद्यतन हो जाए.

उन्होंने कहा, “आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है. इसकी संभावनाएं हैं.”

शाह ने कहा कि एनपीआर के अद्यतन जरूरी तौर पर किया जाएगा क्योंकि यह किसी भी तरह कि आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने और सरकारी योजनाओं के बेहतर नियोजन और निष्पादन में मददगार साबित होगी.

एनपीआर के जरिए देश के सामान्य नागरिक की बॉयोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय विवरण आपस में लिंक हो जाएंगे. इस तरह इसके जरिए नागरिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार हो जाएगा.  

सराकर द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना के अनुसार यह अभ्यास इससे पहले साल दो चरण में 2010 और 2015 में किया गया था. इसका अगला पड़ाव सितंबर 2020 में होगा जिसमें बायोमेट्रिक और वंश वृक्ष की जानकारी जुटाई जाएगी.एनपीआर का यह अभ्यास जनगणना से बिल्कुल अलग है और ये राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़ा नहीं है.

एनपीआर में शामिल होने के लिए एक साधारण निवासी उस स्थानीय क्षेत्र का  छह महीने या उससे अधिक का निवासी होना चाहिए या वह व्यक्ति जो अगले छह महीने या उससे अधिक निवास करने का इरादा रखता हो.


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