प्याज के बाद दूध के दामों में बढ़ोतरी बनी लोगों के लिए सिरदर्द


amul milk prices raised by Rs 2 per litre

 

मदर डेरी के बाद अमूल ने भी शनिवार को अपने अलग-अलग दूध पैकेट के एमआरपी में प्रति लीटर दो रुपये की वृद्धि की. इस साल ये दूसरी बार है जब दो प्रमुख दूध विक्रेताओं ने दामों में बढ़ोतरी की.

द इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि दूध की आपूर्ति बीते कुछ समय में घटी है और इसके पीछे प्रमुख रूप से मौसम और किसानों की आय में आई कमी जिम्मेदार है.

साढ़े पांच साल में दूध के दामों में अब तक आठ रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है, जिसमें आधे से ज्यादा दाम बीते सात महीनों में बढ़े हैं.

उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति नवंबर माह में दहाई का आंकड़ा पार कर 10.01 फीसदी हो गई. बीते 6 सालों में पहली बार उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रस्फीति दो अंकों में दर्ज की गई.

इसका असर दूध की खरीद पर भी पड़ा. को-ऑपरेटिव और प्राइवेट दोनों डेरियों ने 2018-19 के मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 4-5 फीसदी कम दूध खरीदा.

अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ)  के यूनियन की खरीद में अकेले 5-6 फीसदी की गिरावट आई है.

इसके अलावा बीते एक साल में स्किम्ड दूध पाउडर के दाम दो गुना बढ़कर 300 रुपये प्रति किलो हो गया.

दूध आपार्ति में कमी के पीछे मौसम समेत कुछ अन्य वजहें बताई जा रही हैं. अच्छा चारा, पानी और कम तापमान, आर्द्रता के बीच अक्टूबर से मार्च में जानवर अधिक दूध देते हैं. पर इस बार सितंबर से नवंबर में अधिक बारिश के चलते जानवरों की दूध उत्पादकता घटी है.

वहीं अन्य कारण पर जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि ‘बीते तीन वर्षों में कम दामों के चलते किसान जानवरों की संख्या घटा रहे हैं और उनके चारा आदि पर भी कम निवेश कर रहे हैं. वहीं चारा आदि भी महंगा हुआ है.’


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