छत्तीसगढ़: मोदी फैक्टर-जोगी फैक्टर नदारद


analysis of political situation of bjp in chhattisgarh

 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 तथा कांग्रेस को 1 सीट मिली थी. छत्तीसगढ़ में पिछले 15 साल से बीजेपी की सरकार थी लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को परास्त कर दिया. 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 68, बीजेपी को 15, जोगी कांग्रेस को 5 तथा बसपा को 2 सीटें मिली थी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 43 फीसदी, बीजेपी को 33 फीसदी, जोगी कांग्रेस को 7.6 फीसदी तथा बसपा को 3.9 फीसदी मत मिले.

बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में 10 फीसदी कम मत मिले जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से महज 0.7 फीसदी ज्यादा मत मिले थे. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40.3 फीसदी, बीजेपी को 41 फीसदी और बसपा को 4.3 फीसदी मत मिले थे. यदि आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया जाये तो बीजेपी को साल 2013 की तुलना में 8 फीसदी कम तथा कांग्रेस को 2.7 फीसदी मत ज्यादा मिले.

जाहिर है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस को मिले 7.6 फीसदी मतों का बीजेपी को हराने तथा कांग्रेस को जीताने में अहम रोल था. इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही है. मोदी जी के पक्ष में भी हवा साल 2014 के समान नहीं है. हमने कुछ जानकारों से लोकसभा चुनाव के नतीजे की संभावना पर चर्चा की.

किसान कांग्रेस को लेकर सकारात्मक

रायपुर में रहने वाले छत्तीसगढ़ के किसान नेता तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय पराते का कहना है कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद भी किसान कांग्रेस सरकार के प्रति सकारात्मक हैं. इसलिए बहुत ज्यादा हेरफेर नहीं होगा. लोगों ने बीजेपी के विकल्प के तौर पर जोगी कांग्रेस को वोट दिया था. इस बार जोगी कांग्रेस मैदान में नहीं है इसलिए विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस को मिले 7.6 फीसदी मतों में से अधिकांश मत कांग्रेस को मिल सकते हैं. छत्तीसगढ़ में सर्जिकल स्ट्राइक मुद्दा नहीं है, यहां मुद्दा आदिवासियों के सवाल, दलितों पर देशभर में हो रहे अत्याचार तथा बेलगाम होती बेरोजगारी है. संजय पराते का मानना है कि बहुत हुआ तो भाजपा को लोकसभा की 1 सीट मिल सकती है.

इसी तरह से बिलासपुर में रहने वाले किसान नेता तथा छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के नंदकुमार कश्यप का कहना है कि कर्जमाफी तथा धान के 2500 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने के कारण किसान सकारात्मक है. विधानसभा चुनाव के तीन माह के भीतर ही बदलाव नहीं होने जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की छवि भी साल 2014 के समान नहीं रही है. यदि बसपा वोकल होकर प्रचार करे तो वह बीजेपी के खिलाफ ही जाएगा. बहुत हुआ तो बीजेपी को एक सीट मिल सकती है अन्यथा सभी 11 सीटें कांग्रेस को जाती दिख रही हैं.

राष्ट्र बड़ा मुद्दा है

राजधानी रायपुर में रहने वाले तथा अक्सर छत्तीसगढ़ बीजेपी की तरफ से टीवी चैनलों में बहस करते दिखने वाले राजीव चक्रवर्ती जोर देकर बोलते हैं कि राष्ट्र के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है. विधानसभा चुनाव के समय तकलीफें थी परन्तु लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दें हैं तथा लोग मोदी जी को प्रधानसेवक के रूप में देखना चाहते हैं. जोगी फैक्टर कोई मुद्दा नहीं है. जांजगीर में दलितों के कारण बसपा को एक सीट मिल सकती है. जोगी के वोट बीजेपी को ही मिलेंगे. राजीव चक्रवर्ती का कहना है कि जोगी जी ने स्थानीय मुद्दे पर चुनाव लड़ा था कि दिल्ली नहीं रायपुर से सरकार चलाएंगे. अब लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. इस बार वे लोग बीजेपी को वोट देंगे.

बीजेपी के राजीव का कहना है कि नए और युवा मतदाताओं में सर्जिकल स्ट्राइक बड़ा मुद्दा है वे मोदी सरकार बनते देखना चाहते हैं. युवा राहुल गांधी के बजाये मोदी जी में मजबूत राष्ट्रनायक की छवि देखते हैं. इस चुनाव में बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी ने स्वरोजगार दिया है. छोटे तथा सूक्ष्म उद्योगों के माध्यम से युवाओं को रोजगार दिया गया है. उन्होंने कांग्रेस के न्याय योजना पर कटाक्ष करते हुये कहा कि यह भारत को वेनेजुएला बना देगा. सब कुछ मुफ्त में देने से देश की आर्थिक हालत चरमरा जाएगी.

इसी तरह से दुर्ग जिला के बीजेपी मंत्री संतोष सोनी का कहना है कि देश की सुरक्षा, सम्मान, वैश्विक साख तथा विकास छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का मुद्दा है. बेरोजगारी पर संतोष सोनी कहना है कि बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि लोगों को रोजगार मिला है. निजी क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ा है जिससे काफी रोजगार मिला है. राम मंदिर भी मुद्दा है लोग संविधान के दायरे में राम मंदिर बनते देखना चाहते हैं.

जोगी कांग्रेस के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस पार्टी के पदाधिकारी पार्टी छोड़कर बीजेपी या कांग्रेस में जा रहे हैं. जोगी कांग्रेस कमजोर हो गई है. बसपा थोड़ा बहुत दलित वोट ले लेगी जिससे कांग्रेस को ही नुकसान होगा. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को सात सीट मिल सकती है जो कि मोदी इफेक्ट की वजह से बढ़ भी सकती है.

बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है

बिलासरपुर के रहने वाले और हिन्दी दैनिक समाचारपत्र नवभारत के उप संपादक गणेश तिवारी का मानना है कि बेरोजगारी आज सबसे बड़ा मुद्दा है. मोदी जी के पक्ष में कोई हवा नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक से लोगों को कुछ लेना-देना नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक का शहरी मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.

उनका मानना है कि बीजेपी को एकाध सीट मिल सकती है. जोगी फैक्टर ने कांग्रेस के बजाए बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है. इस बार लोकसभा चुनाव में जोगी जी शांत हैं इसका फायदा कांग्रेस को होगा. हां, बसपा अपना वोट शेयर जरूर ले जाएगी. गणेश तिवारी जी का कहना है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के समय जनता के लिए बात करने वाले जीते हैं. मुद्दे बदले नहीं हैं लोग राहत चाहते हैं जो दिल्ली से ही मिल सकती है.

जोगी फैक्टर नदारद

रायपुर के रहने वाले टीवी पत्रकार देवेश तिवारी का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में जोगी फैक्टर नदारद है क्योंकि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. विधानसभा के समान लोकसभा चुनाव नतीजों के बारें में बताना आसान नहीं होता है. विधानसभा चुनाव में चेहरे के आधार पर आकलन किया जा सकता है उसमें क्षेत्र छोटा होता है लेकिन लोकसभा में दायरा बढ़ जाता है.

देवेश तिवारी जी मानना है कि पुलवामा और सर्जिकल स्ट्राइक के कारण बिलासपुर, रायपुर तथा दुर्ग जैसे शहरी क्षेत्रों में मोदी का प्रभाव है. लेकिन राजनांदगांव, बस्तर, सरगुजा, रायगढ़, कोरबा जैसे लोकसभा सीट पर जहां दलित तथा पिछड़े ज्यादा हैं वहां कांग्रेस का प्रभाव है.

अभी दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के भाटापारा तथा कोरबा में हुए प्रधानमंत्री मोदी की सभा के बारे में उन्होंने कहा कि भीड़ पहले की तुलना में कम थी. पहले 70-80 हजार की भीड़ मोदी को सुनने के लिए आती थी लेकिन इस बार उससे आधे लोग भी नहीं पहुंचे.

थके-थके से मोदी

छत्तीसगढ़ के कोरबा में रहने वाले टीवी पत्रकार अब्दुल असलम ने वहां हाल ही में हुई प्रधानमंत्री मोदी की सभा के बारे में कहा कि भीड़ बीजेपी के दावों के अनुसार नहीं थी. आयोजक पहले एक लाख की भीड़ होने का दावा कर रहे थे परन्तु उतनी कुर्सिया वहां नहीं लगाई गई थीं.

अब्दुल असलम का कहना है कि मोदी की सभा में मुश्किल से 20 हजार की भीड़ थी. मोदी के चेहरे पर थकान साफ नज़र आ रहा था. मोदी में उत्साह भी वैसा नहीं था.

हालांकि, उन्होंने भावनात्मक मुद्दा उठाया तथा कहा कि छत्तीसगढ़ के साहू तथा गुजरात के मोदी एक ही हैं. अब्दुल असलम का मानना है कि साल 2014 के समान मोदी फैक्टर इस बार नहीं है पर पुलवामा तथा सर्जिकल स्ट्राइक के कारण राष्ट्र मुद्दा बन गया है.

लोकसभा चुनाव पर उनका आकलन है कि कांग्रेस को 7-8 तथा बीजेपी को दुर्ग, रायपुर तथा बिलासपुर की सीट मिलने की संभावना है.


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