लोकपाल होता तो रुक सकता था राफेल घोटाला
राफेल विमान के सौदे में हुई अनियमितताओं पर विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर हमले बोल रही है. अब इस मुद्दे पर अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. अन्ना ने कहा है कि राफेल विमान पर उनके पास कुछ दस्तावेज हैं, जिनका खुलासा वो जल्द करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर लोकपाल होता तो राफेल ‘‘घोटाला’’ नहीं हुआ होता.
अन्ना ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘अगर लोकपाल होता तो राफेल जैसा घोटाला नहीं हुआ होता. मेरा पास राफेल से जुड़े कई कागजात हैं और मैं दो दिन इनका अध्ययन करने के बाद दूसरा संवाददाता सम्मेलन आयेाजित करूंगा. मुझे एक बात समझ नहीं आती कि समझौते से एक महीने पहले बनी एक कंपनी को इसमें सहयोगी कैसे बनाया गया.’’
उन्होंने बीते पांच साल में लोकपाल नियुक्ति की दिशा में कोई कदम नहीं उठाने के लिए पूरी तरह से मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. अन्ना ने कहा कि वो 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जा रहे हैं.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को लागू नहीं करने पर केंद्र सरकार पर कई हमले किए. अन्ना ने कहा कि उन्हें लगता है कि देश पर ‘‘तानाशाही’’ की तरफ जाने का ‘‘खतरा’’ मंडरा रहा है.
बीते आठ साल में लोकपाल की मांग को लेकर हजारे की यह तीसरी भूख हड़ताल होगी. वह सिविल सोसायटी सदस्यों तथा समूहों का नेतृत्व करते हुए अप्रैल 2011 में पहली बार यहां रामलीला मैदान में अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे.
वह 30 जनवरी को अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे और वह सरकार द्वारा मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे.