वेतन वृद्धि नहीं होने पर एयर इंडिया के 100 से अधिक पायलट ने दिया सामूहिक इस्तीफा


air india will be privatized says government

 

सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को पायलट के सामूहिक इस्तीफे का सामना करना पड़ रहा है. पायलट वेतन और पदोन्नति को लेकर नाराज है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया प्रबंधन की ओर से वेतन बढ़ाने और पदोन्नति की मांग पर सुनवाई नहीं होने के बाद एयरबस ए-320 के करीब 120 पायलट ने इस्तीफा दिया है.

एयर इंडिया पर 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार इस विमानन कंपनी में विनिवेश को हरी झंडी दी है.

एएनआई ने एक पूर्व पायलट के हवाले से कहा, ‘एयर इंडिया प्रबंधन को हमारी मांगों को सुनना चाहिए. वेतन में वृद्धि और पदोन्नति की हमारी मांग काफी पुरानी है लेकिन उन्होंने(प्रबंधन) इसको लेकर कोई भरोसा नहीं दिया है.’

एयर इंडिया से इस्तीफा दे चुके एक पायलट ने कहा कि उन्हें लोन को चुकाने में परेशानी हो रही है.

उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि हमें समय से वेतन भी नहीं मिल पाता है.’

एयर इंडिया ने पांच साल के लिए इन पायलट को काम पर रखा था. इस्तीफा देने वाले पायलट का कहना है कि उन्हें कम वेतन पर नौकरी पर रखा गया था, उन्हें लगा था कि अनुभव के साथ उनके वेतन में वृद्धि और पदोन्नति होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

असंतुष्ट पायलट को उम्मीद है कि उन्हें अन्य कंपनियों में काम मिल जाएगा.

फिलहाल भारतीय विमानन कंपनियों में इंडिगो एयर, एयर गो, विस्तारा और एयर एशिया एयरबस ए-320 विमानों का परिचालन(उड़ाती) करती है.

पायलट के सामूहिक इस्तीफा से परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने की बात एयर इंडिया ने कही है.  कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस्तीफे की वजह से एयर इंडिया की उड़ानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कंपनी के पास अतिरिक्त पायलट हैं.

वर्तमान में एयर इंडिया में 2,000 पायलट का करते हैं.


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