सभी भारतीय स्पिन गेंदबाजों से आगे निकले अश्विन
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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आर अश्विन की लगभग एक साल बाद टेस्ट टीम में वापसी की. उन्होंने पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका के सात बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाकर पवेलियन की राह दिखाई.
भारत के शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने 66वें टेस्ट में सबसे तेज 350 विकेट हासिल कर श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के रिकार्ड की बराबरी की. मुरलीधरन ने भी अपने 66वें टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ साल 2001 में अपने 350 टेस्ट विकेट पूरे किए थे.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में 27वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाने वाले अश्विन ने पांचवें दिन थ्यूनिस डि ब्रून को बोल्ड करके यह उपलब्धि हासिल की.
उन्होंने टेस्ट में सात बार 10 विकेट भी अपने नाम किए हैं. अश्विन टेस्ट में 50,100,150,200,250 और 300 विकेट लेने वाले सबसे तेज भारतीय स्पिन गेंदबाज हैं और अब 350 विकेट चटकाने के मामले में भी वह शीर्ष पर काबिज हो गए हैं.
अश्विन ने कहा, ‘‘बेशक, लंबे समय तक खेलने से ऐसी चीजें होती हैं, हम इस तरह की चीजों को लेकर कोई योजना नहीं बनाते. मैं अपने करियर में जहां पहुंचा, इन सारे रिकार्ड के संदर्भ में मैं भाग्यशाली हूं. लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि मैं प्रक्रिया और मूल चीजों पर बरकरार रहूं और चीजों को अधिक से अधिक सरल रखूं.’’
अपनी तैयारी के संदर्भ में अश्विन ने कहा, ‘‘मैं जितनी बेहतर संभव हो उतनी बेहतर तैयारी करना चाहता था, मैच से पहले पूरी तरह तैयार होना चाहता था, मैच के लिए जाते हुए सर्वश्रेष्ठ मानसिक और शारीरिक स्थिति में होने का प्रयास कर रहा था.’’
इस ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘ये सारी चीजें मेरे दिमाग में चलती रहती हैं और मैं मैच से पहले जितना अधिक संभव हो उतना बेहतर तैयार होना चाहता हूं.’’
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑफ स्पिनर आर. अश्विन के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर भारतीय टीम मैनेजमेंट की आलोचना की. गावस्कर का कहना है कि भारतीय टीम जब भी टेस्ट क्रिकेट खेले, अश्विन को अंतिम एकादश में होना ही चाहिए. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि बीते दो सालों से अश्विन टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन से अंदर-बाहर होते रहे हैं. विंडीज के खिलाफ भारत की पिछली सीरीज में भी अश्विन की जगह पर रवींद्र जडेजा को तरजीह दी गई थी.
दिसंबर 2018 के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे अश्विन अगस्त-सितंबर में वेस्टइंडीज में दो टेस्ट की श्रृंखला में नहीं खेले थे और इस दौरान बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा को टीम में प्राथमिकता दी गई थी.
मौजूदा श्रृंखला के पहले टेस्ट से पूर्व कप्तान विराट कोहली ने हालांकि कहा था कि घरेलू हालात में अश्विन भारतीय टीम की पसंद बने हुए हैं.