एनआरसी: विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील करने की सीमा 60 दिनों से बढ़कर 120 दिन हुई


un rights commissioner expresses grave concern over nrc in india

 

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची इस माह के अंत में जारी होनी है. अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि असम के जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनके लिए सरकार अपील करने की पूरी व्यवस्था करेगी.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं होंगे, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति विदेशी ट्रिब्यूनल (एफटी) में अपना मामला ले जा सकता है. विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील करने के लिए समय सीमा को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है.

यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 20 अगस्त को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया. इस बैठक में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी हिस्सा लिया.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया,‘‘यह निर्णय लिया गया कि एनआरसी से छूटे लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार पर्याप्त व्यवस्था करेगी ताकि सूची में शामिल नहीं किए जाने के खिलाफ अपील करने का उन्हें पूरा मौका मिल सके. प्रत्येक व्यक्ति जिसका नाम एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं होगा, वह अपना मामला अपीलीय प्राधिकार यानि विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष रख सकता है.’’

विदेशी अधिनियम 1946 और विदेशी (ट्रिब्यूनल) ऑर्डर 1964 के तहत सिर्फ विदेशी ट्रिब्यूनल को ही यह अधिकार है कि वह किसी व्यक्ति को विदेशी होने का दर्जा दे सकता है. इस तरह अगर किसी व्यक्ति का नाम एनआरसी सूची में नहीं है तो उसे विदेशी नहीं माना जाएगा.

साथ ही यह भी कहा गया कि राज्य सरकार उन लोगों की कानूनी सहायता करेगी जिनका नाम एनआरसी सूची में नहीं होगा. इसके लिए सुविधाजनक स्थानों पर ऐसे ट्रिब्यूनल की स्थापना की जा रही है.

बयान में कहा गया कि एनआरसी की सूची में शामिल नहीं हुए लोगों के पास निर्धारित समय में अपील करना संभव नहीं हो पाएगा. इसके लिए गृह मंत्रालय ने नियमों में सुधार करते हुए अंतिम सूची में अपील दायर करने की सीमा को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन करने का प्रावधान किया है. नागरिकता नियम (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) 2003 में भी इसी तरह संशोधन किया जा रहा है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों को असम सरकार के आकलन के अनुसार तैनात किया जा रहा है.


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