सरकारी नौकरी में बढ़ रही है युवाओं की रुचि
Twitter
निजी क्षेत्र में नौकरियों में बढ़ती अनिश्चितता और असुरक्षा के चलते ओडिशा के हजारों डिग्री धारक सरकारी नौकरी का रुख करने को मजबूर हो गए हैं.
बीते कुछ वर्षों में बैंकिंग में निजी और सार्वजानिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों ने बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी को चुना है.
हाल ही में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रिकॉर्ड गिरावट के कारण जहां कई कर्मचारी पहले ही अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं, वहीं लाखों कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है.
ओडिशा के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारी(एएसओ) के पद पर भर्ती होने वाले 500 उम्मीदवारों में से 70 प्रतिशत से अधिक के पास बीटेक और एमटेक की डिग्री है. जबकि कम से कम पांच ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई की है.
अतिरिक्त सचिव (गृह) पार्थ सार्थी मिश्रा ने कहा कि “बीटेक इंजिनियर, बैंक प्रोबेशनरी अधिकारियों और पांच आईआईटी से पढ़े लोगों की नियुक्ति ओडिशा सचिवालय सेवा में हुई है. उनके आने से कार्य की गुणवत्ता में अच्छा सुधार होगा.”
अधिकारीयों ने यह भी बताया कि कई लोग जॉब प्रोफाइल बदलने की वजह से भी इस कैडर की तरफ आकर्षित हुए हैं. उन्होंने बताया कि अब एसओ को क्लर्क की जगह अधिकारी कहा जाता है.
चयनित उम्मीदवरों ने द टेलीग्राफ को बताया कि नौकरी की सुरक्षा, काम के कम घंटे और काम की निश्चित जगह के चलते उन्होंने निजी नौकरी की तुलना सरकारी नौकरी को पसंद किया.
एक अधिकारी ने कहा, “एएसओ के पद पर नियुक्त होने वाला उम्मीदवार अगर मेहनत करे और विभाग की परिक्षा पास करे तो वो अतिरिक्त सचिव (सीनियर क्लास I) के पद तक पहुंच सकता है.”
बीटेक की पढ़ाई करने वाले राजलक्ष्मी साहू ने कहा, मैंने यहां आने के लिए स्टेट बैंक की नौकरी छोड़ी है. बैंकिंग क्षेत्र में अच्छा पैकेज मिलता है लेकिन वहां शांति नहीं है. राज्य सचिवालय में ट्रांसफर की निति नहीं है और नौकरी सुरक्षित रहती है.”